Pilibhit News: उत्तर प्रदेश के पीलीभीत टाइगर रिजर्व से सटे गांवों में पिछले कुछ समय से आदमखोर बाघ के हमलों से दहशत का माहौल बना हुआ था। कई किसान इस बाघ के शिकार हो चुके थे। इस समस्या से निपटने के लिए वन विभाग की टीम लगातार प्रयास कर रही थी। आखिरकार, सोमवार तड़के माला रेंज में इस आदमखोर बाघ को पकड़ लिया गया।
पीलीभीत टाइगर रिजर्व के उप निदेशक मनीष सिंह ने बताया कि वन विभाग की टीम ने सोमवार तड़के माला रेंज में एक आदमखोर बाघ को पकड़ लिया है। टीम को बाघ की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद उन्होंने सुबह करीब पांच बजे एक अभियान चलाया और बाघ को बेहोश करने वाली दवा देकर पिंजड़े में कैद कर लिया।
वन विभाग के अनुसार, यह बाघ माला रेंज के जंगल से निकलकर बांसखेड़ा और रानीगंज गांवों में घुस आया था और वहां के किसानों पर हमले कर रहा था। इस बाघ के हमलों में कम से कम तीन किसानों की जान चली गई थी और कई अन्य घायल हुए थे।
इस बाघ के पकड़े जाने से क्षेत्र के लोगों ने राहत की सांस ली है। पिछले कुछ समय से इन हमलों के कारण लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ था और वे अपने घरों से निकलने में डरते थे।
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पीलीभीत टाइगर रिजर्व के उप निदेशक मनीष सिंह ने बताया कि सोमवार को पकड़े गए आदमखोर बाघ के बारे में अंतिम निर्णय अभी लिया जाना बाकी है। उच्च अधिकारियों के निर्देशानुसार यह तय किया जाएगा कि इस बाघ को जंगल में वापस छोड़ा जाए या फिर किसी चिड़ियाघर में स्थानांतरित किया जाए।
हालांकि, इस बीच एक और घटना सामने आई है। सोमवार को ही माधोटांडा थाना क्षेत्र के शारदा सागर बांध के पास जंगल से निकले एक अन्य बाघ ने खेत में काम कर रहे किसान सुजीत राय पर हमला कर दिया। किसान गंभीर रूप से घायल हो गए हैं और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
हाल ही में एक सप्ताह के भीतर ही एक अन्य घटना सामने आई है जिसमें एक बाघ ने एक गांव के बाहर आवारा सांड पर हमला कर दिया। बाघ सांड को खेत में खींच ले गया और वहां उसे अपना शिकार बनाया।
सूचना मिलने पर वन विभाग की टीम ने घटनास्थल पर पहुंचकर इलाके में तलाशी अभियान चलाया। अधिकारियों के मुताबिक, मृत सांड की गर्दन पर बाघ के दांतों के निशान मिले हैं, जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि सांड को बाघ ने ही मारा है।