Krishna Paksha: हिंदू पंचांग में हर महीने दोनों पक्ष 15 या 14 दिनों के लिए होते हैं। हालांकि, इस बार यानी आषाढ़ माह में ऐसा नहीं होगा। इस महीने कृष्ण पक्ष 13 दिनों का ही होगा, जो रविवार से आरंभ होकर पांच जुलाई तक चलेगा। ऐसा कई वर्षों बाद हो रहा है। शास्त्रों में इस समय को दुर्योग काल कहा गया है। आषाढ़ कृष्ण पक्ष में द्वितीया और चतुर्थी तिथि का क्षय होने से यह पक्ष 13 दिनों के लिए रहेगा।
राजसत्ता पर आ सकती है विपत्ति
ज्योतिषाचार्य के मुताबिक, 13 दिनों के पक्ष के दौरान कई तरह की विपत्तियां आ सकती हैं। 13 दिनों के पक्ष के चलते प्रजा को नुकसान, रोग संक्रमण, महामारी, महंगाई, प्राकृतिक आपदा, लड़ाई झगड़ा, विवाद बढ़ने की आशंका होती है। इसके अलावा प्राकृतिक आपदा जैसे अतिवृष्टि, अनावृष्टि, राजसत्ता का परिवर्तन, विप्लव, वर्ग भेद आदि उपद्रव होने की संभावना पूरे साल बनी रहती है।
इस 13 दिनों के पक्ष में ही भविष्य की विनाशकारी घटनाओं की नींव पड़ती है। इस बारे में बृहत्संहिता में कहा गया है कि ‘शुक्ले पक्षे संप्रवृद्धे प्रवृद्धि ब्रह्मक्षत्रं याति वृद्धि प्रजाश्च, हीने हानिस्तुल्यता तुल्यतानां कृष्णे सर्वं तत्फलं व्यत्ययेन’ (4/31)। इसी तरह पीयूषधारा में लिखा है ‘त्रयोदशदिने पक्षे तदा संहरते जगत् अपि वर्षसहस्रेण कालयोगः प्रकीर्तितः’ (1/48)। ज्योतिर्निबंध में इस दोष को रौरव कालयोग बताया गया है- ‘पक्षस्य मध्ये द्वितिथि पतेतां तदा भवेद्रौरवकालयोगः, पक्षे विनष्टे सकलं विनष्टमित्याहुराचार्यवराः समस्ताः।’ (84/7)।
महाभारत युद्ध के समय भी था 13 दिनों का पक्ष’
महाभारत के युद्ध के समय भी 13 दिनों का पक्ष बना था। इसी पक्ष में महाभारत के 18 दिनों तक चलने वाले महायुद्ध की शुरुआत हुई थी। साल 1934 में भी ऐसा संयोग बना था, जिसमें विनाशकारी भूकंप आया था। साल 1937 में जब एक बार फिर ये संयोग बना तब भी भूकंप आया था। इसके बाद 1962 में जब 13 दिन का पक्ष आया था तब भारत-चीन का युद्ध हुआ था। साल 1979 व 2005 में भी इस दुर्योग से अप्रिय घटनाएं हुई थीं। साल 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान भी यह दुर्योग चल रहा था। साल 2010 और 2021 में दुनियाभर में भूकंप, युद्ध के हालात और कोरोना महामारी जैसी आपदाएं देखने को मिली थीं। अब 2024 में यह दुर्योग बनना अप्रिय घटनाओं का संकेत दे रहा है।
इस समय रोक दें, सभी मांगलिक कार्य
इस काल को अमंगलकारी कहा गया है, इसलिए भूलकर भी इस समय कोई मांगलिक कार्य जैसे कि शादी, विवाह, गृह प्रवेश, निवेश या कीमती चीजों की खरीदारी नहीं करनी चाहिए।