ऐसा कहा जाता है कि आसमान में मौजूद ग्रहों का प्रभाव सीधा हमारे जीवन पर होता है। एसलिए जब ग्रहों की दिशा विपरीत होती है तो इसका असर हम पर भी होता है। अगर आप भी जिंदगी में परेशानियों से जूझ रहे हैं और कहीं कोई रोस्ता नजर नहीं आ रहा है तो आज हम आपको कुछ ऐसे उपाय बताने जा रहे हैं, जिन्हें फॉलो कर आप इन मुसीबतों से छुटकारा पा सकते हैं।
रविवार
इस दिन का स्वामी ग्रह सूर्य को माना जाता है। सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। इससे सूर्य देव की कृपा आप पर बरसेगी और आपकी जन्मकुण्डली के अशुभ फलों का नाश होगा। जिस व्यक्ति की कुण्डली में सूर्य बलवान होता है, उसकी सरकारी नौकरी लगने की सम्भावनाएं ज्यादा होती हैं।
मंगलवार
इस वार का स्वामी ग्रह मंगल को माना जाता है। यह दिन कुछ कामों के लिए शुभ माना जाता है तो कुछ के लिए अशुभ। ऐसा माना जाता है कि इस दिन पैदा होने वाला व्यक्ति गुस्सैल स्वभाव का होता है। हालांकि बिना जन्मकुण्डली देखे ऐसा कहना शत-प्रतिशत सच नहीं होता है। मंगलवार को हनुमान जी की पूजा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।
बुधवार
बुधवार का स्वामी बुध ग्रह को माना जाता है। इस दिन को शुभ बनाने के लिए गणेश जी की पूजा करें। भगवान गणेश की पूजा करते हुए हम उनके मंत्रों का जाप भी कर सकते हैं। जरूरतमंद विद्यार्थियों को स्टेशनरी के सामान जैसे कॉपी, पेंसिल, पेन आदि देने से लाभ होता है।
बृहस्पतिवार
इस वार का स्वामी ग्रह बृहस्पति है। यह दिन हर काम में शुभ फल देने वाला है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन पैदा होने वाला व्यक्ति सद्गुणी और तेजस्वी होता है। हालांकि इस बात की पुष्टि सिर्फ कुण्डली देखकर की जा सकती है। इस ग्रह से शुभ फल पाने के लिए बृहस्पतिवार को अपने गुरू की पूजा और गुरू मंत्र का जाप जरूर करें।
शुक्रवार
इस दिन का स्वामी ग्रह शुक्र है। शुक्र ग्रह के कारण इस दिन पैदा होने वाले जातक रोमांटिक मिजाज के होते हैं। इस ग्रह से प्रभावित लोग विलासिता पूर्ण जीवन जीने की चाह रखते हैं। शुक्रवार के दिन लक्ष्मी मां की आराधना करनी चाहिए और इत्र आदि खरीदना चाहिए।
शनिवार
इस वार का स्वामी ग्रह शनि है। लोगों के मन में भ्रम होता है कि शनि जातकों को संकट में डाल देता है, लेकिन यह पूरा सच नहीं है। शनि देव मेहनत एवं न्यायपूर्ण ढंग से कार्य करने वालों को हमेशा शुभ फल देते हैं। शनिवार के दिन पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाने से शनि देव प्रसन्न होते हैं।