यूपी की राजधानी लखनऊ के मलिहाबाद में 2 फरवरी को जमीन की पैमाईश को लेकर मां, बेटे समेत तीन की हत्या करने वाले सिराज खान उर्फ लल्लन खान और उसके बेटे फराज की 33 करोड़ की सम्पति कुर्क की गयी है। इस हत्याकांड को अंजाम देने के बाद पुलिस ने दोनों बाप बेटों और ड्राइवर के खिलाफ गैंग्स्टर एक्ट के तहत कार्यवाही की थी।
लखनऊ पुलिस की तरफ से मिली जानकारी के मुताबिक, 1973 से लेकर अब तक मलिहाबाद, चौक, काकोरी, वजीरगंज, हरदोई समेत अलग अलग इलाके मिलाकर लल्लन खान के खिलाफ 18 मुकदमें दर्ज हैं। इतना ही नही 2 फरवरी को लल्लन खान ने अपने बेटे और साथियों के साथ मिलकर अपनी सगी भतीजी, नाति और चचेरे भाई मुनीर की गोली मारकर हत्या कर दी थी। लखनऊ में हुए हत्याकांड ने आला अधिकारियों के भी होश उड़ा दिये। जिसके बाद आनन फानन में पुलिस की तरफ से लल्लन उसके फराज और ड्राइवर अशरफी को जेल भेजने के साथ ही गैंग्स्टर एक्ट भी लगाया था।
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, लल्लन और उसके बेटे फराज की 33 करोड़ की सम्पति जो अवैध तरीके से अर्जित की गयी थी उसकी कुर्की की गयी है। डिसीपी के मुताबिक, अपराध से जोड़ी गयी लल्लन खान की 10.87 कीमत की जमीन और सामान कुर्क करने के आदेश हुए हैं। बाजार में इसकी कीमत 29 करोड़ बतायी जा रही है। जबकि उसके बेटे फराज की 88 लाख रूपये का सामान जब्त किया गया है, जिसकी बाजार में कीमत करोड़ों में आँकी जा रही है।
सिराज अहमद के पास दो शस्त्र लाइसेंस भी थे। जिसमें एक डबल बैरल गन का लाइसेंस लखनऊ के हसनगंज से 1980 में बनाया गया था। जबकि एक एनपीबोर राइफल का लाइसेंस 1979 में मलीहाबाद से बनाया गया था। हांलाकि बाद में
सिराज अहमद के पास दो शस्त्र लाइसेंस भी थे। जिसमें एक डबल बैरल गन का लाइसेंस लखनऊ के हसनगंज से 1980 में बनाया गया था। जबकि एक एनपीबोर राइफल का लाइसेंस 1979 में मलीहाबाद से बनाया गया था। हांलाकि बाद में
सिराज अहमद के पास दो शस्त्र लाइसेंस भी थे। जिसमें एक डबल बैरल गन का लाइसेंस लखनऊ के हसनगंज से 1980 में बनाया गया था। जबकि एक एनपीबोर राइफल का लाइसेंस 1979 में मलीहाबाद से बनाया गया था। हांलाकि बाद में आपराधिक गतिविधियों के चलते एक गन का लाइसेसं निरस्त भी कर दिया गया था। लेकिन अब पुलिस लल्लन की क्राइम कुंडली खंगाल रही है। साथ ही अलग-अलग मुकदमों में लल्लन के साथ शामिल उसके साथियों की तलाश भी की जा रही है।