Sitapur Mass Murder: उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में हुए सामूहिक हत्याकांड, जिसने इंसानियत को कलंकित कर दिया। इस मामले में अब रोज नए खुलासे हो रहे हैं। पुलिस पूछताछ में आरोपी अजीत ने कबूल किया है कि किस तरह सीरियल किलर की तरह उसने परिवार के सदस्यों को मौत के घाट उतार दिया। आरोपी ने पुलिस को बताया कि मेरे भाई अनुराग का परिवार मुझे नकारा समझता था। मैं बहुत दिनों से अपमानित महसूस कर रहा था। जब भाई अनुराग ने कर्जा चुकाने से इंकार किया, तो मैंने गुस्से में आकर पूरे परिवार को खत्म कर दिया।
केवल 90 मिनट में ली परिवार के छह सदस्यों की जान
मिली जानकारी के मुताबिक, गुरुवार को IG रेंज तरुण गावा ने प्रेस वार्ता कर सीतापुर के रामपुर मथुरा क्षेत्र के पल्हापुर गांव में हुए हत्याकांड के कई खुलासे किए। तरुण गाबा ने बताया कि आरोपी अजीत ने केवल 90 मिनट में ही परिवार के छह सदस्यों की जान ले ली। जब पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आई तो अजीत से सख्ती से पूछताछ शुरू हुई। तब जाकर उसने हत्या की बात कबूल कर ली। अजीत ने बताया कि जब भाई अनुराग ने पिता के केसीसी के लोन को चुकाने से मना कर दिया, तो उसे गुस्सा आ गया। इसके बाद उसके दिमाग में इस खूनी खेल ने जन्म लिया। रात को सभी के सो जाने के बाद आरोपी अजीत करीब रात 2:00 बजे उठा।
भाभी के चेहरे पर किए हथौड़े से ताबड़तोड़ वार
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सबसे पहले आरोपी ने मकान की पहली मंजिल पर बने अपनी भाभी प्रियंका सिंह व बच्चों के कमरे का बिजली का मेन पावर स्विच ऑफ कर दिया। गर्मी लगने पर जब प्रियंका सिंह कमरे से बाहर आ गईं, तो अजीत ने अपनी भाभी के सीने में गोली मार दी। गुस्सा इस हद तक था कि प्रियंका के चेहरे पर हथौड़े से ताबड़तोड़ वार कर डाले। इसी बीच गोली की आवाज सुनकर मां सावित्री जाग गई, तो अजीत ने बेरहमी से अपनी मां को भी मौत की नींद सुला दिया।
भाई से थी नाराजगी
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, अजीत अपने भाई अनुराग द्वारा कर्जा चुकाने की बात को लेकर नाराज था, जिसके चलते उसने गुस्से में अपने भाई को भी गोली मार दी। सीरियल किलर का जब इतने से ही मन नहीं भरा, तो उसने अपने मासूम भतीजे-भतीजी अर्ना, आश्वी और आद्विक को भी नहीं बख्शा और तीनों बच्चों को भी गोली मारकर छत से नीचे फेंक दिया।
पिता के अवैध असलहे से ली परिवार के छह लोगों की जान
मिली जानकारी के मुताबिक, आरोपी अजीत के पिता वीरेंद्र सिंह एक मर्डर केस में नामजद थे। उस समय उनकी राइफल जमा हो गई थी। इसके बाद, उन्होंने एक देशी तमंचा अपने पास रखना शुरू कर दिया था। पिछले साल पिता की मौत के बाद से ही तमंचा अजीत के पास था। पिता के इसी अवैध असलहे से उसने अनुराग, प्रियंका और अर्ना पर गोलियां बरसाईं।
इस पूरी वारदात को अजीत ने अकेले अंजाम दिया। फिलहाल आरोपी अजीत सिंह के खिलाफ रामपुर मथुरा थाने में हत्या व आर्म्स एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा गया है।