सपा विधायक इरफान सोलंकी (Irfan Solanki) सहित 5 आरोपियों को जाजमऊ आगजनी केस में 3 जून को कानपुर के एमपी एमएलए कोर्ट में दोषी माना। इस केस में आज अदालत सपा विधायक को सजा सुना सकती है। बता दें, अदालत ने सभी आरोपियों को धारा 147, 323, 427, 436, 504, 506 में दोषी माना था। अभी देखना होगा इस केस में सपा विधायक को कितना सजा होती है।
3 जून को अदालत ने जब सपा विधायक को दोषी करार दिया तो परिवार वालों ने हंगामा किया। विधायक के समर्थक भी कोर्ट परिसर में हंगमा करते नजर आए। इसी बात को ध्यान में रखते हुए आज भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। इसके साथ ही शहर में भी हाई अलर्ट जारी किया गया है। पैरामिलिट्री फोर्स शहर के सेंसटिव इलाकों में रूट मार्च करेगी।
क्या है पूरा मामला ?
इरफान सोलंकी जाजमऊ के डिफेंस कॉलोनी में रहने वाले है और कानपुर की सीसामऊ विधानसभा से समाजवादी पार्टी से चौथी बार विधायक हैं। इरफान सोलंकी के घर के पास रहने वाली महिला नजीर फातिमा का घर जिस प्लॉट पर बना है वो अस्थाई है, उसी प्लाॅट को लेकर इरफान सोलंकी और नजीर फातिमा के बीच विवाद चल रहा है। इस विवाद के चलते नजीर फातिमा ने रिजवान, इरफान सहित अन्य लोगों के खिलाफ 8 नवंबर 2022 को जाजमऊ थाने में शिकायत दर्ज कराई थी।
नजीर फाातिमा ने आरोप लगाए थे कि 7 नवंबर 2022 को करीब 8 बजे उनका परिवार भाई की शादी में गया था। तब समाजवादी पार्टी के विधायक इरफान सोलंकी उसके साथी और उसके भाई रिजवान सोलंकी ने घर में आग लगा दी। घर में आग लगने के कारण फ्रिज, टीवी, सिलेंडर और गृहस्थी का सारा समान जल गया। ये काम साजिश के तहत किया गया, जिससे की हम घर छोड़ कर भाग जाए और पूरा विधायक परिवार घर पर कब्जा कर ले।
शिकायत दर्ज कराने के बाद पुलिस ने जांच शुरू की। जांच में सामने आया कि रिजवान सोलंकी, इरफान सोलंकी, शौकत पहलवान, इजराइल आटा वाला और मो. शरीफ आरोप में शामिल हैं। इसके बाद आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज किया। कुछ वक्त के बाद मामले में चार्जशीट दाखिल की गई और 3 जून की सुनवाई के बाद पांचों आरोपियों को एमपी एमएलए कोर्ट में दोषी माना गया। धारा 120बी, 386 के तहत सभी को आरोपों से मुक्त कर दिया गया था। इन सभी धाराओं में से सबसे महत्वपूर्ण धारा 436 है। इस धारा में कम से कम 10 साल की सजा और अधिकतम उम्रकैद भी हो सकती है। अगर इरफान सोलंकी को 2 साल से ज्यादा की सजा होती है तो इरफान की विधानसभा की सदस्यता जाना भी तय माना जा रहा है। कोर्ट ने इससे पहले 11 बार तारीख देने के बाद फैसला नहीं सुनाया था।
इरफान सोलंकी को महाराजगंज जेल से कानपुर कोर्ट लाया जायेगा और बाकी सभी दोषियों को कानपुर जेल से कड़ी सुरक्षा में लाकर कोर्ट में पेश किया जायेगा। पुलिस ने जाजमऊ आगजनी केस में तीन आरोप पत्र दिये थे, जिसमे से पहले पत्र में रिजवान, इरफान, शरीफ, शौकत और इजराइल आटावाला का नाम था। दूसरे पत्र में महबूब आलम, एजाजुद्दीन, मुर्सलीन भोलू, अनूप यादव, शमशुद्दीन, मों एजाज का नाम था और तीसरे पत्र में शकील चिकना का नाम था।
जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी दिलीप अवस्थी ने बताया कि रिजवान, इरफान, शरीफ, शौकत और इजराइल आटावाले के खिलाफ फास्ट ट्रैक कोर्ट में ट्रायल पूरा हो गया है और अभी महबूब आलम, एजाजुद्दीन, मुर्सलीन भोलू, अनूप यादव, शमशुद्दीन, मों एजाज और शकील चिकना के खिलाफ ट्रायल होगा।
इस केस के गवाहों –
कनीश जेहरा (पीड़िता की बेटी) उस पूरे वारदात की गवाह।
शमसुज हसन सबसे पहले घटनास्थल पर पहुंचने वाले इनके साथ भी मारपीट हुई।
कांस्टेबल संजीव कुमार, जिन्होंने एफआईआर को साबित किया।
मोहम्मद हसन ये शमशुल हसन के साथ मौके पर पहुंचे थे।
नजीर फातिमा घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंची और थाने में एफआईआर दर्ज कराई।
फायरमैन शशिकांत शर्मा आग लगने की सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड की गाड़ी को लेकर मौके पर पहुंचे।
शाहिना घटना की जानकारी मिलते ही 112 पर गवाही देने वाली महिला।
कांस्टेबल दिलीप कुमार डायल 112 पर सूचना मिलते ही पीआरवी 1555 के साथ मौके पर पहुंचे थे।