Crime GPT: उत्तर प्रदेश पुलिस अपराधों की जांच में एआई की लेटेस्ट तकनीक का उपयोग करने के लिए पूरी तरह तैयार है। इसके स्टेट पुलिस फोर्स भारतीय कंपनी स्टैक टेक्नोलॉजीज के साथ बातचीत कर रही है। ये कंपनी एआई के इस्तेमाल में माहिर है। इस कंपनी ने क्राइम जीपीटी को विकसित किया है जो उनका लेटेस्ट डेवलपमेंट है।
Crime GPT क्या है?
यह अपनी तरह का अनूठा टूल है जिसकी घोषणा शुक्रवार (15 मार्च) को की गई थी। इसे यूपी सरकार और स्पेशल टास्क फोर्स के साथ साझेदारी में लॉन्च किया जाएगा। क्राइम जीपीटी सीसीटीवी फुटेज, इमेज और अपराध से जुड़े ऑडियो डेटा का तेजी से विश्लेषण करके अपराध जांच में मदद करने का दावा करता है।
अपराध जांच में एआई तकनीक का अनूठा इस्तेमाल
क्राइम जीपीटी अपराधियों को ट्रैक करने और उनकी निगरानी करने में सटीक फेस पहचान और ऑडियो एनालिस के लिए जाना जाता है।
अब क्राइम जीपीटी के जरिए चेहरे की पहचान, स्पीकर की पहचान, वॉयस एनालिस और अपराधी गिरोह प्रोफाइलिंग जैसी सुविधाओं तक पहुंच हासिल करने में मदद मिलेगी।
स्टैक टेक्नोलॉजीज के सह-संस्थापक और सीईओ अतुल राय ने कहा कि क्राइम जीपीटी डिजिटल क्राइम डेटाबेस को टैप करने में मदद करता है।
इसके जरिएअधिकारी एक निश्चित समय सीमा के अंदर किसी व्यक्ति के आपराधिक रिकॉर्ड की जानकारी हासिल कर सकते हैं। इसके बाद क्राइम जीपीटी अपने डेटाबेस से तुरंत संबंधित डेटा प्राप्त कर लेता है।
क्राइम जीपीटी पर क्या बोले यूपी के डीजीपी
उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार ने भी क्राइम जीपीटी के प्रभाव पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “अपराध की जानकारी प्राप्त करने में तेजी लाने की क्राइम जीपीटी की क्षमता आपराधिक जांच में बहुत मदद करेगी जिससे मामलों के समाधान में तेजी आएगी।