ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड (ALL INDIA SHIA PERSONAL LAW BOARD) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) को पत्र लिखकर आने वाले मुहर्रम में बेहतर इंतजाम करने की मांग की है। पत्र में मुहर्रम के जुलूसों को प्रदेश सरकारों और स्थानीय प्रशासन द्वारा निर्धारित मार्गों से निकाले जाएंगे। इसके अलावा, जुलूसों के मार्ग में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने की मांग की है, ताकि अराजक तत्व क़ानून व्यवस्था न बिगाड़ सकें।
बोर्ड ने पत्र में लिखा है, “हज़रत इमाम हुसैन, जिन्होंने अपने परिवार सहित 72 साथियों के साथ इंसानियत और मानवता को बचाने के लिए कर्बला के मैदान में शहादत पेश की थी, जिसमें एक 6 माह का बच्चा भी शामिल था। ऐसी अज़ीम हस्ती की याद में पूरी दुनिया समेत हमारे भारत में भी हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई व हर धर्म के लोग मुहर्रम मनाते हैं। आपको अवगत कराना है कि इस वर्ष 8 जुलाई 2024 से मुहर्रम शुरू हो रहा है, जहाँ भारत में फैले 7 से 8 करोड़ शिया मुस्लिम समुदाय के साथ-साथ मुख्तलिफ़ मज़हबों के लोग भी बड़ी संख्या में जुलूस एवं ताज़िये निकालते हैं। अतः आपसे विनम्र निवेदन है कि आप इसकी सुरक्षा व्यवस्था एवं बेहतर इन्तिज़ामों के लिए प्रदेश सरकारों को निर्देश जारी करने की कृपा करें।”
जुलूसों के मार्ग में सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम की मांग
बोर्ड ने पत्र में आगे लिखा है कि मुहर्रम के जुलूसों को प्रदेश सरकारों व स्थानीय प्रशासन द्वारा निर्धारित मार्गों से निकाले जाएंगे।साथ ही कहा गया है कि जुलूसों के मार्ग में सुरक्षा व्यवस्था मज़बूत की जाए, ताकि अराजक तत्व क़ानून व्यवस्था न बिगाड़ सकें।वहीं, मुहर्रम में निकलने वाले जुलूसों के रास्तों में साफ़-सफ़ाई और तेज गर्मी को ध्यान में रखते हुए जगह-जगह रास्तों में पानी का छिड़काव और पानी के टैंकों का इंतजाम किया जाए।
बिजली के तारों की उचित व्यवस्था की जाए
इसके अलावा, अपील करते हुए कहा गया है कि पूरे हिंदुस्तान में मुहर्रम के मौके पर परम्परागत रास्तों से ऊंचे-ऊंचे ताज़िये निकाले जाते हैं, जिसमें कई बार बिजली के तारों की वजह से लोग करंट की चपेट में आ जाते हैं। बिजली विभाग को निर्देशित कर ताज़ियों के रूट पर उचित व्यवस्था की जाए।
बुजुर्गों, बच्चों और महिलाओं की सुरक्षा को लेकर मांग
बोर्ड ने पत्र में लिखा है, “मुहर्रम में लखनऊ उत्तर प्रदेश समेत पूरे देश में मातमी अन्जुमने जो रात-रात भर जागकर जगह-जगह इमामबाड़ों (मज़हबी इबादतगाहों) में हज़रत इमाम हुसैन की याद में नौहाख्वानी और मजलिसें (शोक सभाएँ) करती हैं। आपसे गुज़ारिश है कि आप हर प्रदेश के मुख्यमंत्रियों को निर्देशित कर इन मजलिसों (शोकसभाओं) को सकुशल संपन्न कराने और इनमें जाने वाले अज़ादारों (इमाम हुसैन अ.स का शोक मनाने वाले) विशेषकर बुजुर्गों, बच्चों और महिलाओं सभी को जिला प्रशासन द्वारा किसी तरह की कठिनाई न हो और उनकी सुरक्षा का प्रबन्ध कराने का निर्देश जारी करने की कृपा करें।”