Supreme Court On UP Madrasa Act 2004: सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के यूपी मदरसा एक्ट को रद्द करने वाले आदेश पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने मदरसा संचालकों की ओर से दायर अर्जी पर सुनवाई करते हुए यह फैसला दिया है। साथ ही कोर्ट ने पक्षकारों यानी मदरसा बोर्ड, यूपी सरकार और केंद्र सरकार को नोटिस देते हुए 30 जून 2024 तक जवाब मांगा है।
SC ने 25 हजार मदरसों और 17 लाख छात्रों को दी राहत
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार यानी आज उत्तर प्रदेश के 25 हजार मदरसों और 17 लाख छात्रों को बड़ी राहत दी है। दरअसल 22 मार्च को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने आदेश में यूपी मदरसा शिक्षा बोर्ड एक्ट, 2004 को “असंवैधानिक” और धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत का उल्लंघन करने वाला बताया था। अब सुप्रीम कोर्ट ने यूपी बोर्ड ऑफ मदरसा एजुकेशन एक्ट 2004 मामले में हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है। चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र,यूपी सरकार और अन्य को हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ दायर याचिकाओं पर नोटिस जारी किए हैं। साथ ही कोर्ट ने 30 जून 2024 तक जवाब मांगा है।
क्या बोले जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़
चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस जे बी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने कहा कि “मदरसा बोर्ड का मकसद और काम रेगुलेशन से जुड़ा है और इलाहाबाद उच्च न्यायालय यह मानने में पहली नजर में सही नहीं है कि बोर्ड की स्थापना से धर्मनिरपेक्षता का उल्लंघन होगा।”
मदरसे के छात्रों को आम स्कूलों में ट्रांसफर करे: HC
बता दें, कि पिछले हफ्ते ही इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने यूपी सरकार को आदेश दिया था कि वह मदरसे के छात्रों को आम स्कूलों में ट्रांसफर करे और उनका नामांकन कराए। इलाहाबाद हाई कोर्ट की डिविजन बेंच ने कहा था कि सरकार के पास यह पावर नहीं है कि वह धार्मिक शिक्षा के लिए बोर्ड का गठन करे। इसके अलावा सरकार स्कूली शिक्षा के लिए किसी ऐसे बोर्ड का भी गठन नहीं कर सकती, जिसके तहत किसी खास मजहब और उसके मूल्यों की ही शिक्षा दी जाती हो।
16 हजार मदरसों की मान्यता खत्म
हाई कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ मदरसा अजीजिया इजाजुतूल उलूम के मैनेजर अंजुम कादरी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। 22 मार्च को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जब यूपी मदरसा एक्ट 2004 को असंवैधानिक करार दिया तो यूपी में संचालित किए जा रहे करीब 16 हजार मदरसों की मान्यता को योगी सरकार ने खत्म कर दिया था। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने मदरसा संचालकों को बड़ी राहत दी है।
क्या है यूपी बोर्ड ऑफ मदरसा एजुकेशन एक्ट-2004
गौरतलब है कि यूपी बोर्ड ऑफ मदरसा एजुकेशन एक्ट-2004 यूपी सरकार द्वारा पारित एक कानून था। जो राज्य में मदरसों की शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए बनाया गया था। इस कानून के तहत मदरसों को बोर्ड से मान्यता प्राप्त करने के लिए कुछ न्यूनतम मानकों को पूरा करना होता था। बोर्ड मदरसों को पाठ्यक्रम, शिक्षण सामग्री और शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए भी दिशानिर्देश देता था।