Amethi Loksabha Election Result 2024 : लोकसभा चुनाव 2024 के चुनावी रुझानों में कुछ सीटों के रुझानों ने लोगों को चौंकाया है। इन्हीं आंकड़ों में से एक सीट उत्तर प्रदेश की अमेठी है। इस सीट पर भाजपा की उम्मीदवार स्मृति ईरानी को कांग्रेस प्रत्याशी किशोरी लाल शर्मा ने हरा दिया। किशोरी लाल शर्मा ने स्मृति ईरानी को एक लाख 45 हजार वोटों से हरा दिया। इस सीट पर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने जमकर प्रचार किया था।
बीजेपी प्रत्याशी स्मृति ईरानी को 3 लाख 40 हजार 693 वोट मिले हैं। वहीं, कांग्रेस प्रत्याशी किशोरी लाल शर्मा को 4 लाख 86 हजार 166 वोट मिले। पिछले चुनाव 2019 में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कांग्रेस प्रत्याशी राहुल गांधी को हराया था।
केएल शर्मा का पूरा नाम किशोरी लाल शर्मा है, जो गांधी परिवार के करीबी माने जाते हैं। किशोरी लाल शर्मा मूलत पंजाब के लुधियाना के रहने वाले हैं। किशोरी लाल शर्मा ने 1983 में राजीव गांधी के साथ रायबरेली और अमेठी में कदम रखा था। बाद में राजीव गांधी के अचानक निधन के बाद गांधी परिवार से उनके रिश्ते पारिवारिक हो गए और वो गांधी परिवार के ही होकर रह गए।
गांधी परिवार के करीबी हैं किशोरी लाल
1991 में राजीव गांधी की मौत के बाद शर्मा ने कभी शीला कौल के काम को संभाला तो कभी सतीश शर्मा के लिए मदद की। जब पहली बार सोनिया गांधी सक्रिय राजनीति में आई और अमेठी से चुनाव लड़ी, तब केएल शर्मा उनके सात अमेठी आ गए। जब सोनिया खुद रायबरेली आ गई व राहुल गांधी अमेठी सीट पर चुनाव लड़ने लगे तो वह दोनों ही सीटों की जिम्मेदारी संभालने लगे। उनकी निष्ठा का फल उन्हें इस चुनाव में कांग्रेस ने दिया और उन्हों अमेठी सीट से उम्मीदवार घोषित किया था।
केएल शर्मा ने जब नामांकन दाखिल किया था तो उन्होंने कहा था कि यहां से कौन जीतेगा या कौन हारेगा, यह जनता के हाथ में है, लेकिन हम कड़ी मेहनत करेंगे। किशोरी लाल शर्मा ने कहा था कि चुनाव तो महज औपचारिकता है, जनता अपना मूड उसी के लिए बनाती है जो उसके लिए काम करता है। उन्होंने कहा कि अमेठी मेरे दिल में है। मैं 40 साल से यहां हूं। शीर्ष नेतृत्व ने मुझे जो निर्देश दिया है, मैं उसका पालन कर रहा हूं। मैं बस यही चाहता हूं कि लोग मुझे अपनी सेवा में एक मौका दें।
राहुल गांधी को 2019 में मिली थी हार
बता दें कि 2019 में अमेठी से राहुल गांधी ने चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें स्मृति ईरानी के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। स्मृति ईरानी को 4 लाख 68 हजार 514 वोट, जबकि राहुल गांधी को 4 लाख 13 हजार 394 वोट मिले थे। इस तरह राहुल को स्मृति के हाथों 55 हजार 120 वोटों से हार का मुंह देखना पड़ा।