Wolf Attack In Bahraich: उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में आदमखोर भेड़ियों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। खून के प्यासे भेड़िये हर दिन गांव के लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। इसी बीच, एक गांव में भेड़िए ने ढाई साल की मासूम को अपना शिकार बना लिया। वहीं, एक बुजुर्ग महिला को गंभीर रूप से घायल कर दिया। भेड़ियों के आतंक को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिले के अफसरों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं।
मां के पास सो रही थी मासूम, तभी भेड़िया…
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह घटना थाने के ग्राम गरेठी गुरुगुदत्त सिंह पुरवा गांव की है। यहां ढाई साल की मासूम को सोमवार की सुबह चार बजे भेड़िये ने अपना शिकार बना लिया। मासूम अपनी मां के पास सो रही थी, तभी भेड़िया उसको उठा ले गया। गांव से कुछ दूरी पर उसका शव क्षत-विक्षत हालत में बरामद हुआ। बच्ची का शव देख उसके परिजनों में कोहराम मच गया।
पुलिस ने मासूम का शव बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। वहीं, जिलाधिकारी मोनिका रानी और पुलिस अधीक्षक वृंदा शुक्ला ने घटनास्थल का जायजा लिया। साथ ही, पीड़ितों को हर संभव मदद देने के निर्देश दिए हैं।
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बुजुर्ग महिला को बनाया शिकार
दूसरी घटना, ग्राम पंचायत कोटिया के मजरा बाराबीघा गांव की है। यहां 60 वर्षीय कमला देवी पर आदमखोर भेड़िये ने हमला कर दिया, जिसके बाद उसे सीएचसी ले जाया गया। बुजुर्ग महिला की हालात गंभीर होने पर जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया है।
आदमखोर भेड़िया के आतंक से अब तक जिले में 10 लोगों की जानें जा चुकी हैं, जबकि 49 लोग गंभीर रूप से घायल हैं। प्रशासन ने चार भेड़ियों को पकड़ लिया है, लेकिन अभी भी गांव के लोगों में खूनी भेड़िए का खौफ है। आलम यह है कि लोग लाठी-डंडा लेकर रात-रात भर जगकर घरों के बाहर पहरा दे रहे हैं। (Wolf Attack In Bahraich)
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सीएम योगी ने विभागीय मंत्री और संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए हैं।
- प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में आदमखोर भेड़िये और तेंदुए द्वारा हमले किए जा रहे हैं। उन्हें हर हाल में नियंत्रित करने और पकड़ने का प्रयास किया जाए।
- प्रशासन, वन विभाग, पुलिस, राजस्व विभाग और स्थानीय पंचायत क्षेत्र में जन जागरूकता पैदा करें।
- लोगों को सुरक्षा के उपायों के बारे में जानकारी दी जाए।
- वन मंत्री द्वारा वन विभाग के अतिरिक्त कार्मिकों की तैनाती करते हुए उन्हें सीतापुर, बहराइच, पीलीभीत, लखीमपुर और बिजनौर सहित अन्य जिलों में लगाया जाए।
- ज्वाइंट पेट्रोलिंग बढ़ाएं।
- वरिष्ठ अधिकारी जिलों में कैंप करें।
- जनप्रतिनिधियों के सहयोग लें।
- ग्रामीण इलाकों में जहां लाइट की दिक्कत है, वहां पेट्रोमैक्स की व्यवस्था की जाए।
- वन्य जीवों के हमले में घायल लोगों और असमय काल-कवलित हुए लोगों के परिवारजनों को हर सम्भव सहायता उपलब्ध कराई जाए।