Guldar Attack: कहते हैं मां अपने बच्चों की रक्षा के लिए बड़े से बड़े तूफानों से लड़ जाती है, लेकिन उत्तर प्रदेश के बिजनौर में एक बेटा अपनी मां की रक्षा करने के लिए गुलदार से भिड़ गया। दरअसल, महिला खेत से चारा लेने गई थी, जहां उस पर एक गुलदार ने हमला कर दिया, जिससे महिला घायल हो गई। वहीं, महिला के 15 वर्षीय बेटे ने बहादुरी की मिसाल दी। बेटे ने अपनी मां को बचाने के लिए गुलदार को खदेड़ दिया। सूचना पर पहुंचे लोगों की मदद से बेटे ने अपनी घायल मां को अस्पताल में भर्ती कराया।
Guldar Attack: मां को बचाने के लिए गुलदार से भिड़ा बेटा
जानकारी के मुताबिक, बिजनौर के नहटौर थाना क्षेत्र के गांव पुट्ठी पुट्ठा में मोनी देवी अपने 15 वर्षीय बेटे पुकार के साथ बुधवार सुबह गांव के पूर्व प्रधान के खेत में घास काटने गई थी। बताया जा रहा है कि गुलदार खेतों में पहले से घात लगाए बैठा था। जैसे ही महिला ने खेतों में घास काटना शुरू किया, गुलदार ने उस पर हमला कर दिया, जिससे वह घायल हो गई। वहीं, बेटा भी पास में काम कर रहा था। जैसे ही उसने अपनी मां की चीख सुनी वह डंडा लेकर भागा और गुलदार से भिड़ गया। पुकार ने गुलदार को खेतों में खदेड़ दिया। वहीं, गुलदार की सूचना मिलते ही खेतों में काम कर रहे किसान दहशत के कारण घरों को लौट गए।
Guldar Attack: गुलदार के आतंक से गांव वाले परेशान
ग्रामीणों के मुताबिक, करीब 10 दिन पहले फजलपुर गांव की एक आठ साल की मासूम को गुलदार ने मौत के घाट उतार दिया था। गुलदार को पकड़ने के लिए वन विभाग ने पिंजरा भी लगाया था, लेकिन गुलदार पिंजरे में कैद नहीं हो पाया। ग्रामीणों का कहना है कि गुलदार के आतंक की वजह से वे अपने खेतों पर भी नहीं जा पा रहे हैं। गुलदार के डर के कारण बच्चों को घरों में कैद करना पड़ रहा है।
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Guldar Attack: डीएम ने दिए आवश्यक दिशा निर्देश
इसी बीच बुधवार को डीएम अंकित कुमार अग्रवाल की अध्यक्षता में मानव गुलदार संघर्ष के संबंध में समीक्षा बैठक हुई। इस दौरान डीएम ने अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये।
- बच्चों को शाम में अकेले घर से बाहर न भेजने संबंधी जागरूकता अभियान चलाएं।
- जागरूकता का व्यापक प्रचार प्रसार को पंपलेट छपवाकर बंटवाएं।
- मानव गुलदार घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए कंट्रोल रूम स्थापित किए जाएं।
- गुलदार प्रभावित क्षेत्रों में सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाए।
- कैमरों की रिकार्डिंग आवश्यकता अनुसार रखने, पंपलेट छपवाकर लोगों में जागरूकता फैलाएं।
- वन विभाग विशेष रूप से सतर्कता और सजगता बरतें।
- प्रशिक्षित वनकर्मियों की क्यूआरटी टीम गठित की जाए।
- जंगली जानवरों को आबादी क्षेत्र में आने से रोकने के लिए सीमा पर सोलर फेंसिंग (तार बाड़) लगाए जाएं।