उत्तर प्रदेश में भले ही बारिश की रफ्तार धीमी हो गई है, लेकिन पहाड़ों पर लगातार बारिश हो रही है। इसके चलते नदियां उफान पर हैं। शुक्रवार को दोपहर तीन बजे हरिद्वार से दो लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जिससे गंगा में बाढ़ आने की आशंका पैदा हो गई। एसडीएम का कहना है कि बुधवार को भी बिजनौर बैराज से एक लाख 40 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने से गंगा में दो फीट पानी बढ़ गया था। ऐसे में बाढ़ का पानी बुलंदशहर के लाल महादेव घाट सड़क के रास्ते अंदर नगर में प्रवेश कर गया है।
एसडीएम नवीन कुमार का कहना है कि 24 घंटे में गंगा के जलस्तर में 3 से 4 फिट बढ़ोत्तरी होने की आशंका है। बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन ने पुख्ता इंतजाम किए हुए हैं। संबंधित अधिकारियों को चेतावनी देने के साथ ही दिशा निर्देश भी जारी कर दिए हैं।
नगर में घुसा गंगा का पानी
गंगा में जल बढ़ने से लाल महादेव घाट से होता हुआ बाढ़ का पानी 30 फीट अंदर नगर में घुस आया है। इस कारण वहां रहने वाले लोगों को बाढ़ के पानी में होकर इधर उधर जाना पड़ रहा है। जाह्नवी द्वार प्लेटफार्म पर बाढ़ का पानी बहने से शाम के वक्त होने वाली मां गंगा की आरती भी अब दूसरे स्थाप पर कराई जाती है।
वहीं, बाढ़ का पानी घुसने से कई फसलों को भी भारी नुकसान पहुंचा है। जी हां… मुबारकपुर, मोहम्मदपुर, तोरई, बच्ची खेड़ा, सिरौरा, शेरपुर, उदयपुर की गंगा तटीय भागो में खड़ी फसलों में बाढ़ का पानी घुस गया। इसके चलते पशु पालकों के सामने चारा संकट पैदा हो गया।