समाजवादी पार्टी के सांसद आरके चौधरी की हाल ही में सेंगोल पर की गई टिप्पणी ने राजनीतिक विवाद को जन्म दे दिया है। चौधरी ने संसद में सेंगोल की मौजूदगी पर सवाल उठाते हुए इसे राजशाही का प्रतीक बताया। इसी बीच सेंगोल पर समाजवादी पार्टी के नेताओं की टिप्पणी पर सीएम योगी ने करारा प्रहार किया है।
सीएम योगी ने सेंगोल पर समाजवादी पार्टी के नेताओं की टिप्पणी को निंदनीय बताया। उन्होंने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि समाजवादी पार्टी के मन में भारतीय इतिहास या संस्कृति का कोई सम्मान नहीं है। सेंगोल पर उनके शीर्ष नेताओं की टिप्पणी निंदनीय है। यह उनकी अज्ञानता को दर्शाती है। यह विशेष रूप से तमिल संस्कृति के प्रति INDI गठबंधन की नफरत को भी दर्शाता है। सेंगोल भारत का गौरव है और यह सम्मान की बात है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे संसद में सर्वोच्च सम्मान दिया।
Samajwadi Party has no respect for Indian history or culture. The remarks of their top leaders on the Sengol are condemnable and indicate their ignorance. It also shows INDI Alliance's hatred to Tamil culture in particular.
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) June 27, 2024
The Sengol is India's pride and it is a matter of…
गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी के सांसद आरके चौधरी ने विगत दिनों प्रोटेम स्पीकर को पत्र लिखकर सेंगोल पर टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि संविधान लोकतंत्र का प्रतीक है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने संसद में सेंगोल को स्थापित किया है। ‘सेंगोल’ का मतलब है राज-दंड या राजा का डंडा। राजसी व्यवस्था को खत्म करने के बाद देश स्वतंत्र हुआ। अब देश ‘राजा के डंडे’ से चलेगा या संविधान से? मैं मांग करता हूं कि संविधान को बचाने के लिए सेंगोल को संसद से हटाया जाए।

वहीं, सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने चौधरी का बचाव करते हुए कहा कि यह टिप्पणी प्रधानमंत्री के लिए एक अनुस्मारक हो सकती है। अखिलेश यादव ने कहा कि जब सेंगोल स्थापित किया गया था, तो प्रधानमंत्री ने उसके सामने सिर झुकाया था। शपथ लेते समय शायद वह यह भूल गए हों। शायद हमारे सांसद की टिप्पणी उन्हें यह याद दिलाने के लिए थी।
#WATCH समाजवादी पार्टी सांसद और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, "यह परंपरा है और यह हमेशा होता है। हम सब सुनते(राष्ट्रपति का भाषण) हैं…वो दरअसल सरकार का भाषण होता है…" pic.twitter.com/syj871ag0R
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 27, 2024
सपा सांसद आरके चौधरी के सेंगोल पर दिए बयान पर केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा कि मेरी समझ से परे है कि आपके क्षेत्र की जनता ने आपको विकास कार्य के लिए चुना है या फिर यहां आकर ऐसी विवादित राजनीति करने के लिए। जिस तरह से इतने दशकों तक ऐसे प्रतीकों को गलत रोशनी में दिखाने की कोशिश की गई, आज जब उन्हें हमारे प्रधानमंत्री जी ने उचित सम्मान दिया है, तो आपको इन सब बातों से क्यों तकलीफ होती है? ये विपक्षी नेता सकारात्मक राजनीति के बारे में क्यों नहीं सोच पाते?
#WATCH | On SP MP RK Chaudhary's remark on Sengol, Union Minister Chirag Paswan says, "It is beyond my understanding that the people of your area have chosen you for development work or to come here and do such controversial politics. The way such symbols have been tried to be… pic.twitter.com/NaToi28pMb
— ANI (@ANI) June 27, 2024
भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने सपा के रुख की निंदा करते हुए उन पर भारतीय और तमिल संस्कृति का अपमान करने का आरोप लगाया। पूनावाला ने कहा, “संसद में समाजवादी पार्टी सेंगोल का विरोध करती है और इसे ‘राजा का दंड’ कहती है। अगर ऐसा था, तो जवाहरलाल नेहरू ने इसे क्यों स्वीकार किया? यह उनकी मानसिकता को दर्शाता है। वे रामचरितमानस और अब सेंगोल पर हमला करते हैं। क्या डीएमके इस अपमान का समर्थन करता है? उन्हें स्पष्ट करना चाहिए।
बता दें, 28 मई 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन में लोकसभा कक्ष में स्पीकर की कुर्सी के बगल में पारंपरिक पूजा के बाद ऐतिहासिक सेंगोल स्थापित किया। अधीनम द्वारा प्रधानमंत्री मोदी को सौंपा गया यह सेंगोल भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 14 अगस्त, 1947 की रात को स्वीकार किया था।