सीएम योगी मंगलवार को अयोध्या पहुंचे। इस दौरान उन्होंने आयुक्त सभागार में अयोध्या के विकास कार्यों और कानून व्यवस्था को लेकर समीक्षा बैठक की। सीएम योगी ने कहा कि सभी अधिकारी जनप्रतिनिधियों और जनपदवासियों के साथ समन्वय बनाकर कार्य करें और समस्याओं का निराकरण संवाद और समन्वय से करें। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि अयोध्या के नगरीय और शहरी क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति 24 घंटे सुनिश्चित हो, जहां भी ट्रांसफॉर्मर के जलने/खराब होने की शिकायत मिले, उसे यथाशीघ्र ठीक करायें।
सीएम ने जनप्रतिनिधियों की सुनीं समस्याएं
सीएम योगी आदित्यनाथ ने जनप्रतिनिधियों की समस्याएं सुनीं। रुदौली के विधायक ने आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज के निर्माण कार्य और आईटीआई मवई के संचालन के बारे में अपनी बात रखी। इस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आयुक्त और जिलाधिकारी सहित संबंधित विभाग के अधिकारियों को कार्यवाही के निर्देश दिए। बैठक में वाहनों की पार्किंग से जुड़े मुद्दे पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बनाए गए पार्किंग स्थलों को पूरी क्षमता से संचालित किया जाय। मेला/उत्सव आदि के दौरान आवश्यकता पड़ने पर अस्थायी पार्किंग की व्यवस्था भी की जाए।
यातायात व्यवस्था सुदृढ़ करने के भी दिए निर्देश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं, साधु-संतों और आम नागरिकों को धार्मिक नगरी अयोध्या में आने वाले श्रद्धालुओं को कम से कम पैदल चलना पड़े। इसके लिए ई-कार्ट, ई-बस आदि की व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाए। यातायात व्यवस्था सुदृढ़ करने के लिए रूट और रंगों के आधार पर अलग-अलग उसका विभाजन किया जाय। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कुंडों के जीर्णोद्धार के कार्यों में पुरानी पद्धति का इस्तेमाल करें और जल शोधन करते हुये जल को शुद्ध रखें।
कार्यों की नियमित होती रहे समीक्षा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पर्यटन समेत अन्य विभागों द्वारा कराए जा रहे कार्यों की गुणवत्ता के समय-समय पर निरीक्षण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित हो कि कार्यदायी संस्थाएं निर्धारित समयावधि में कार्य को पूरा कर लें। राजस्व विभाग की समीक्षा करते हुए सीएम ने कहा कि सरकारी कार्यालय यथा-राजस्व, पुलिस, थानों में कोई भी प्राइवेट कर्मी कार्य करता न मिले, ऐसा पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो। उन्होंने कहा कि राजस्व वादों की समीक्षा प्रतिदिन जिला स्तर पर की जाए। थाने में आने वाली शिकायतों का उच्चाधिकारियों द्वारा नियमित समीक्षा करने के निर्देश दिए।