उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में बीमार बंदर की मौत हो गई। उसके बाद ग्रामीणों ने जो किया उसकी चर्चा पूरे जिले में हो रही है। बैंड बाजे के साथ बड़े धूमधाम से बंदर की शव यात्रा निकाली गई। अंतिम यात्रा में आधा सैकड़ा से अधिक ग्रामीण शामिल हुए। हिंदू रीति रिवाज के साथ बंदर का अंतिम संस्कार किया गया। ऐसा कर गांव वालों ने मानवता की शानदार मिसाल पेश की है।
दरअसल, पूरा मामला ललौली थाना क्षेत्र के बहुआ कस्बा का है। यहां करीब एक महीना पहले जंगल से एक बंदर आ गया था। बंदर वहीं कस्बा स्थित लोगों के घरों की छतों पर घूमता रहता था। बताया जा रहा है कि एक दिन बंदर एक छत पर बेसुध पड़ा था। सांसे चल रही थी। यह देख मकान मालिक ने आस पड़ोस के लोगों को इसकी जानकारी दी। इस पर पहुंचे लोगों ने बंदर के बीमार होने की जानकारी पशु चिकित्सक को दी।
इसके बाद मीना बंदर का इलाज चलता रहा लेकिन ठीक ना हुआ। जिसकी बुधवार दोपहर करीब 1:00 बजे मौत हो गई। इसके बाद ग्रामीणों ने बंदर के अंतिम संस्कार का निर्णय लिया और जानवर के प्रति ग्रामीणों ने प्रेम व्यक्त करते हुए बैंड बाजे के साथ कस्बे के विभिन्न रास्तों से होते हुए बड़े धूमधाम से बंदर की शव यात्रा निकाली गई। इस दौरान सभी धार्मिक प्रक्रियाओं का पालन कर नाम आंखों से ग्रामीणों ने अंतिम विदाई दी। ग्रामीणों के इस मानवता की पूरे जिले में सराहना हो रही है।