Krishnanand Rai wife Alka Rai Reacted On Mukhtar Ansari Death: बाहुबली मुख्तार अंसारी की मौत हॉस्पिटल में 60 साल की उम्र में हो गई। वह लंबे समय से उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा था। मुख्तार पर कई आरोप थे। 2005 में बीजेपी के विधायक रहे कृष्णानंद राय की गाजीपुर में बेरहमी से हत्या में भी मुख्तार का हाथ था।
जेल में मुख्तार की तबीयत खराब हुई थी जिसको बाद उसको बांदा के ही अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बाद में मुख्तार को दुर्गावती हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था। अब गुरुवार को मुख्तार की मौत के बाद कृष्णानंद की पत्नी अलका राय ने खुशी जाहिर की है।
अलका राय ने खुशी जाहिर करते हुए कहा “यह भगवान का आशीर्वाद है। मैं न्याय के लिए उनसे प्रार्थना करती थी और आज न्याय मिल गया है। हमने हत्या के बाद कभी होली नहीं मनाई, मुझे लगा कि आज हमारे लिए होली है।”
#WATCH | Varanasi, Uttar Pradesh | Wife of Krishnanand Rai – former BJP MLA who was killed by Mukhtar Ansari – Alka Rai says, "What can I say? This is the blessing of the Almighty. I used to pray to him for justice and the justice has been served today. We never celebrated Holi… pic.twitter.com/SyMFo4TXey
— ANI (@ANI) March 29, 2024
कृष्णानंद राय के बेटे पीयूष राय ने भी मुख्तार अंसारी की मौत पर खुशी जाहिर करते हुए कहा ”भगवान के दरबार में देर है,अंधेर नहीं। रमजान के पवित्र माह में अल्लाह या भगवान ने इंसाफ किया है। पीयूष ने कहा कि उनके लिए अल्लाह और भगवान एक ही हैं। भगवान के दरबार से उन्हें न्याय मिला है।
मुख्तार अंसारी की मौत पर BJP के पूर्व MLA कृष्णा नंद राय के बेटे पीयूष राय ने कहा- #MukhtarAnsariDeath #LatestNews #UPNews #BreakingNews #mukhtar_ansari #UPPolice #Ghazipur #krishnanand pic.twitter.com/bLfiXiSYl7
— Shreshth UP (@ShreshthUp) March 29, 2024
पीयूष ने सोशल मीडिया पर पोस्ट में लिखा कि कर्म के दायरे से जब तुम उतरोगे, तो उसकी सजा तुम्हें तड़पने तक नहीं छोड़ेगी।

कैसे हुई कृष्णानंद राय की हत्या
पूर्व भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की मुख्तार अंसारी के द्वारा की गई थी। साल 2005, 29 नवंबर के दिन कृष्णानंद राय एक क्रिकेट मैच का उद्धघाटन कर वापस लौट रहे थे। उस दौरान ऑटोमेटिक राइफल से उनके काफिले पर करीब 500 राउंड गोली चलाई गई थी। बता दें 2002 में मुहम्मदाबाद सीट से विधायक का चुनाव कृष्णानंद राय जीत गए थे। इस सीट पर मुख्तार के बड़े भाई अफजाल अंसारी की हार हुई थी। इसी सियासी हार को अंसारी और राय के बीच दुश्मनी की बड़ी वजह बताई गई थी।