Gorakhpur AIIMS: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में स्थित AIIMS के डायरेक्टर डॉ गोपाल कृष्ण पाल (Director Dr. Gopal Krishna Pal) पर फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगा है। उन्होंने अपने बेटे और बेटी के फर्जी सर्टिफिकेट बनवाकर उन्हें AIIMS हॉस्पिटल में जॉइन करवाया। वहीं, इस पूरे मामले में AIIMS के एडिशन प्रोफेसर डॉ गौरव गुप्ता ने डायरेक्टर गोपाल कृष्ण पाल, उनकी पत्नी प्रभाती पाल और बेटे ओरो प्रकाश पाल के खिलाफ AIIMS पुलिस को तहरीर दी।
क्या है पूरा मामला ?
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, AIIMS के डायरेक्टर डॉ गोपाल कृष्ण पाल ने अपने बेटे ओरो प्रकाश पाल के लिए फर्जी सर्टिफिकेट बनवाकर गोरखपुर AIIMS के माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट में MD-PG कोर्स में एडमिशन कराया। इतना ही नहीं, अपने परिवार की इनकम का भी 8 लाख रुपये से कम का फर्जी सर्टिफिकेट बनवाया। फर्जीवाड़े की इस खबर के बाद पूरे हॉस्पिटल में बवाल मच गया है।
बेटी का भी कराया फर्जी सर्टिफिकेट से एडमिशन
डॉ गोपाल कृष्ण के खिलाफ पूरे मामले की जांच कराने पर पता चला कि गोपाल कृष्ण ने सिर्फ अपने बेटे का ही नहीं, बल्कि अपनी बेटी का भी AIIMS के फोरेंसिक मेडिसिन डिपार्टमेंट में सीनियर रेसिडेंट के पद पर फर्जी सर्टिफिकेट के जरिए जॉइनिंग करवाई है।
कैसे हुआ मामले का खुलासा
27 अप्रैल 2024 को ओरो प्रकाश पाल ने गोरखपुर AIIMS के माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट में MD-PG कोर्स के लिए एडमिशन लिया। एडमिशन के बाद 30 अगस्त को ओरो प्रकाश पाल ने अपना पद संभाला। ओरो पाल ने एडमिशन के समय अपने माता पिता की इनकम 8 लाख से कम बताते हुए नॉन क्रीमीलेयर का फर्जी सर्टिफिकेट और दानापुर बिहार के एड्रेस से ओबीसी प्रमाणपत्र दिया था, लेकिन जांच में पता चला कि ओरो के पिता एम्स गोरखपुर और पटना के डायरेक्टर हैं।
माता जिपमर पांडिचेरी में प्रोफेसर हैं। दोनों की कुल इनकम 80 से 90 लाख रुपये है। वे सामान्य वर्ग से आते हैं, जो सर्टिफिकेट ओरो पाल ने एडमिशन के समय दिया था, उससे बिल्कुल भी मैच नहीं होती, जिसके बाद ओरो पाल की नियुक्ति को रोक दिया गया है।
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मामले को दबाने की कोशिश
बताया जा रहा है कि पूरे मामले को दबाने के लिए AIIMS के मीडिया प्रभारी अरूप मोहंती डॉ गोपाल कृष्ण के बेटे ओरो पाल की नियुक्ति पर उठे विवाद को गलत बता रहे हैं, जबकि AIIMS प्रशासन इस पूरे मामले में केस दर्ज कराने में जुटा है। वहीं, मामले का पता चलने के बाद अभी तक डॉ गोपाल कृष्ण सामने नहीं आए हैं। बताया जा रहा है कि डॉ गोपाल कृष्ण मंगलवार को गोरखपुर आने वाले थे, पर मामले का पता चलते ही वे गोरखपुर नहीं पहुंचे।
पहले भी सामने आ चुका है फर्जी सर्टिफिकेट का मामला
ये कोई पहला फर्जी सर्टिफिकेट का केस सामने नहीं आया है, बल्कि इससे पहले भी गोरखपुर AIIMS की पहली डायरेक्टर सुरेखा किशोर ने अपने बेटे की फर्जी तरीके से जूनियर रेजिडेंट के पद पर तैनाती कराने के आरोप में अपनी डायरेक्टर की कुर्सी गंवा दी थी। ऐसे में शुरू से ही गोरखपुर एम्स फर्जी कामों के चलते हमेशा ही चर्चा में रहा है।