दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के प्राचीन इतिहास विभाग के पूर्व अध्यक्ष और आचार्य प्रो. शिवाजी सिंह का असामयिक निधन हो गया। उनके निधन से शोक की लहर दौड़ पड़ी। सीएम योगी ने भी अपना दुख व्यक्त किया है। उन्होंने परिवार के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए कहा कि शिवाजी सिंह ने अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना के तहत राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में भारतीय इतिहास लेखन को भारत केंद्रीय दिशा देने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
प्रो.राजवंत राव ने कहा कि प्रो. शिवाजी सिंह का निधन न सिर्फ उनके परिवार बल्कि सम्पूर्ण अकादमिक जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। वह एक प्रख्यात पुरातत्ववेत्ता और अंतरराष्ट्रीय स्तर के विद्वान थे। प्रो. शिवाजी सिंह का निधन गुरुवार की सुबह 9:30 बजे के करीब ह्रदय गति रुक जाने के चलते हो गया।
प्रो.राजवंत राव ने शोक सभा के दौरान कहा कि प्रो. शिवाजी सिंह एथेन्स में रिसर्च फेलो रहे। उन्होंने आचार्य राजबली पांडेय के निर्देशन में मनुस्मृति पर शोध कार्य किया था। वह इतिहास के अध्ययन की पूर्णता के लिए साहित्य और पुरातत्व दोनों का अध्ययन आवश्यक मानते थे। वह गहरी अकादमिक रुचि और अद्भुत प्रतिभा के धनी थे। संस्कृति, साहित्य और पुरातत्व पर उनका समान अधिकार था। न्यू आर्कियोलॉजी में उनकी विशेषता थी।