Hathras Crime News: उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में स्कूल के मैनेजर द्वारा बिना परमिशन के हॉस्टल बनाने और बच्चों की बलि देने का मामला सामने आया है। इस हॉस्टल में एक छात्र की हत्या हुई है।
क्या है पूरा मामला?
हाथरस के गांव रसगंवा में डीएल पब्लिक स्कूल है। इस स्कूल में श्रीकृष्ण का बेटा कृतार्थ (11) दूसरी कक्षा में पढ़ता था। श्रीकृष्ण का बेटा कृतार्थ डीएल पब्लिक स्कूल के हास्टल में रहता था। कृतार्थ के साथ-साथ उस हॉस्टल में 24 बच्चे रहते थे।
23 सितंबर (सोमवार) को पिता श्रीकृष्ण के पास स्कूल के मैनेजर दिनेश बघेल की कॉल आआई और बताया गया कि आपके बेटे की तबीयत खराब है। श्रीकृष्ण तुंरत स्कूल पहुंचे, लेकिन श्रीकृष्ण का बेटा कृतार्थ उन्हें कहीं नहीं मिला।
श्रीकृष्ण ने स्कूल के मैनेजर दिनेश बघेल से अपने बेटे कृतार्थ के बारे में पूछा, तो मैनेजर श्रीकृष्ण को अपनी बातों में घूमा रहा था और बोला कि आपके बच्चे को इलाज कराने के लिए हॉस्पिटल लेकर गए हैं। इसके बाद श्रीकृष्ण ने पुलिस को इस मामले की जानकारी दी।
थोड़ी देर बाद स्कूल के मैनेजर दिनेश बघेल को उसकी गाड़ी के साथ सादाबाद के पास पुलिस ने पकड़ लिया। पुलिस ने गाड़ी में देखा तो श्रीकृष्ण के बेटे कृतार्थ की डेडबॉडी रखी हुई थी। पता चला कि मैनेजर दिनेश बघेल कृतार्थ की बॉडी को कहीं ठिकाने लगाने के लिए ले जा रहा था।
इस पूरे मामले में पुलिस ने स्कूल के प्रिंसिपल लक्ष्मण सिंह, मैनेजर दिनेश बघेल, कंप्यूटर के टीचर वीरपाल और एक अन्य टीचर रामप्रकाश को हिरासत में ले लिया है।
4 साल पहले खुला था स्कूल
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, गांव रसगंवा के डीएल पब्लिक के मैनेजेर दिनेश बघेल ने 4 साल पहले अपने घर के पास ही स्कूल खोला था। दिनेश बघेल पहले मलेशिया में काम करता था। स्कूल में 15 टीचर बच्चों को पढ़ाते थे। इस स्कूल में 700 बच्चे पढा़ई करते थे। टीचरों को 10 हजार से 20 हजार तक सैलरी मिलती थी।
इस स्कूल के लिए प्रशासन की ओर से क्लास 5 तक की ही मान्यता दी गयी थी, लेकिन स्कूल का मैनेजर दिनेश बघेल स्कूल को क्लास 8 तक बिना किसी परमिशन के चला रहा था। स्कूल में हास्टल भी बनाया गया, जिसकी भी परमिशन नहीं ली गयी थी।
इससे पहले एक और छात्र को की थी मारने की कोशिश
वहीं, गांव बहरदोई के रहने वाले अजीत सिंह ने बताया कि मेरे बच्चे के साथ भी इस स्कूल में मारपीट की गई थी। गांव बहरदोई के रहने वाले गावस्कर ने बताया कि उनके बेटे राज को स्कूल वालों ने गले में फंदा डालकर मारने की कोशिश की थी, लेकिन मेरा बेटा बच गया। इलाज कराने के 2 घंटे बाद बेटे को होश आया। वहीं, टीचरों ने बताया कि गावस्कर के बेटे को मिर्गी का दौरा आया था, जिस कारण वो बेहोश हुआ।
हॉस्टल के पास ही नलकूप की कोठरी में करता है बच्चों की बलि देने का काम
स्कूल का मैनेजर और उसके पिता पास के ही नलकूप में एक कमरे में स्कूल के बच्चों की बलि देने के लिए पूरी व्यवस्था किये हुए है। कमरे में देवी देवताओं के साथ-साथ तंत्र मंत्र का सामान भी रखा गया है। इस कमरे में दोनों तंत्र मंत्र करके बच्चों की बलि देते हैं। कमरे में हमेशा ताला लगा रहता है। वहां किसी को जाने नहीं दिया जाता है।
मैनेजर ने स्कूल के लिए लिया है कर्ज
स्कूल के मैनेजर दिनेश बघेल ने स्कूल की मेंटेनेंस के लिए बैंक से 20 लाख रुपये का कर्ज लिया हुआ है। दिनेश कर्ज के कारण बहुत परेशान था और वो कर्ज खत्म नहीं कर पा रहा था। दिनेश का पिता एक तांत्रिक है। उसने अपने बेटे से कहा कि अगर तुम किसी बच्चे की बलि देते हो तो कर्ज से मुक्ति मिल जायेगी और स्कूल भी बहुत तरक्की करेगा। इन सब के कारण मैनेजर दिनेश ने श्रीकृष्ण के बेटे कृतार्थ की हत्या कर दी।