Hathras Stampede: उत्तर प्रदेश के हाथरस में मंगलवार को नारायण साकार विश्व हरि (Narayan Saakar Hari) उर्फ भोले बाबा सत्संग कार्यक्रम के दौरान मची भगदड़ में 100 से अधिक लोगों की जानें जा चुकी हैं, जबकि सैकड़ों लोग घायल हो गए हैं। यह दर्दनाक घटना सिकंदराराऊ कोतवाली क्षेत्र के जीटी रोड स्थित गांव फुलराई के पास की है। विश्व हरि के नाम से प्रसिद्ध भोले बाबा के कार्यक्रम में लाखों की संख्या में भक्तो की भीड़ जुटी। कार्यक्रम स्थल पर प्रशासन की परमिशन से ज्यादा भक्त सत्संग कार्यक्रम में पहुंचे। भोले बाबा के सत्संग के दौरान भगदड़ मच गई, जिसके कारण सैकड़ों लोगों की मौत हो गई।
कौन है नारायण साकार विश्व हरि उर्फ भोले बाबा ?
सत्संग कार्यक्रम को संबोधित करने वाले नारायण साकार विश्व हरि उर्फ भोले बाबा का मूल नाम सूरजपाल सिंह हैं। उनके पिता का नाम नंदलाल है। वे ग्राम बहादुर नगर थाना पटियाली जनपद कासगंज के मूल निवासी है। कथित गुरुजी सूरजपाल पुलिस में सिपाही पद पर भर्ती होने के बाद आगरा में भी पुलिस विभाग में कई वर्षों तक तैनात रहे। आगरा में अपनी तैनाती के दौरान ही इस व्यक्ति ने आध्यात्म विचारधारा का सहारा लेकर शाहगंज क्षेत्र के अंतर्गत केदार नगर में अपना एक आश्रम तैयार किया, जहां भोले बाबा के भक्तों ने इनको गुरु के तौर पर स्वीकार करते हुए सर माथे पर लिया।
नहीं दिखा नौकरी में फायदा तो अपनाया आध्यात्म का रास्ता
रात ओ रात ऐसी बड़ी उपलब्धि पाकर कथित गुरु सूरजपाल ने सोचा कि नौकरी करने में कोई फायदा नहीं और इन्होंने आध्यात्मिक गुरु बनने का रास्ता अपनाया, जिसमें ग्लैमर, पैसा, सम्मान सब कुछ एक साथ मौजूद था। भोले भाले भक्त लोग इनसे तुरंत जुड़ने लगे, क्योंकि इनके द्वारा कुछ ऐसे कथित चमत्कारों का सहारा लिया गया, जिससे लोग इनके अध्यात्म पर विश्वास कर सके।
‘भोले बाबा’ के सत्संग में अधिकतर महिलाएं होती हैं शामिल
1997 से 1998 के बीच मुख्य आरक्षी के पद पर रहते हुए विश्व हरि उर्फ भोले बाबा ने अपनी इच्छा से पुलिस विभाग की नौकरी छोड़ दी और आध्यात्म की ओर जुड़ गए। इसके बाद मानव मंगल मिलन सद्भावना समागम के नाम से सत्संग करने लगे। लगभग 90% और उनमें से भी अधिकांश महिला ही उनके कार्यक्रमों में भाग लेती हैं। हाथरस की सिकंदराराऊ थाना क्षेत्र अंतर्गत मुगल गड़ी के पास आयोजित किए गए सत्संग में घायल और हताहत होने वाले पीड़ितों की संख्या में अधिकांश महिलाएं और बच्चे ही हैं।
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यूपी के अलावा कई राज्यों में हैं ‘भोले बाबा’ के फॉलोवर्स
अपने मूल जन्म स्थान पर इनका 2015 तक आश्रम में आना-जाना था, लेकिन भाइयों से विवाद के कारण अब अपने मूल स्थान पर जाना छोड़ दिया। वहीं, उनके फॉलोअर्स गुरु जन्मभूमि के दर्शन करने के लिए उनके बहादुर नगर गांव में श्रद्धावस पहुंचते हैं। इनके फॉलोवर्स उत्तर प्रदेश के अलावा उत्तराखंड, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली समेत देशभर में मौजूद हैं, जो विश्व हरि उर्फ भोले बाबा के कार्यक्रम में बड़ी संख्या में भाग लेते हैं। कार्यक्रम स्थल पर भीड़ नियंत्रण के लिए इनकी संस्था के वॉलिंटियर भी लगाए जाते हैं जो अक्सर गुलाबी कपड़े पहनते हैं जिसमें महिला और पुरुष दोनों शामिल रहते हैं।
बसपा सरकार में बजता था ‘भोले बाबा’ डंका
जानकारी के मुताबिक, नारायण साकार हरि यानी भोले बाबा का बसपा सरकार में डंका बजता था। बसपा सरकार में भोले बाबा लाल बत्ती की गाड़ी में सत्संग स्थल तक पहुंचते थे। उनकी कार के आगे-आगे पुलिस एस्कॉर्ट करते हुए चलती थी। एससी/एसटी और ओबीसी वर्ग में भोले बाबा की गहरी पैठ है। मुस्लिम भी उनके अनुयायी हैं।