Hathras Stampede: उत्तर प्रदेश के हाथरस हादसे में आए दिन कई बड़े-बड़े खुलासे हो रहे हैं। इसी बीच सूत्रों के मुताबिक, पुलिस जांच में अब तक का सबसे बड़ा खुलासा हुआ है। सेवादारों ने घटना के वक्त वीडियो बना रहे लोगों से फोन छीना था। इसके बाद सभी लोगों के मोबाइल फोन को मौके पर ही तोड़ डाला, क्योंकि बाबा के कार्यक्रमों में मोबाइल फोन ले जाने पर सख्त मना है। पुलिस जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि बाबा के सेवादारों ने कार्यक्रम में आए लोगों को डंडों से मारा भी था।
वहीं, इससे पहले यह भी खबर सामने आई थी कि नारायण साकार विश्व हरि (Narayan Sakar Hari) उर्फ भोले बाबा के सत्संग कार्यक्रम में 1200 सेवादार मौजूद थे, जोकि सुरक्षा और इंतज़ाम की व्यवस्था देख रहे थे। यातायात से लेकर पंडाल और अन्य व्यवस्थाओं में बाबा के वॉलंटियर्स ने ही मोर्चा संभाला हुआ था। जानकारी के मुताबिक, कार्यक्रम शुरू होने से पहले पुलिसकर्मियों और सेवादारों के बीच बहस हुई थी।
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सेवादारों ने ड्यूटी में तैनात पुलिसकर्मियों को उनके स्थान से हटा दिया था। पुलिस बल कम होने की वजह से पुलिसकर्मियों ने थोड़े विरोध के बाद बाबा के सेवादारों की बात मान ली थी। पुलिस ने जब बाबा का आने जाने वाला रूट ब्लॉक किया था, तो वहां पर भी बाबा के ब्लैक कमांडों ने पुलिस वालों को पीछे करके खुद ड्यूटी में लग गए थे। इतना ही नहीं, घटना के दौरान भी बाबा के वॉलंटियर्स आगे खड़े थे, जब भीड़ बाबा के चरण रज पाने के लिए टूटी तो सेवादार ही हटा रहे थे।
सेवादारों द्वारा बाबा के पास भीड़ न पहुंचने देने की स्थिति में सेवादारों ने खुद ही धक्का-मुक्की करना शुरू कर दिया, जिससे लोग नीचे गिरने लगे। इसके बाद भी भीड़ नहीं मानी और अफरा-तफरी का माहौल हो गया। लोग फिसलकर गिरने लगे, जो गिरा वो दोबारा उठ ही नहीं पाया और भीड़ उनके ऊपर से होकर इधर-उधर भागने लगी। इस हादसे में अधिकतर महिलाएं और बच्चे मारे गए।
बाबा के पास खुद के सेवादारों की है आर्मी
बता दें,नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा के पास खुद के सेवादारों की आर्मी भी है। भोले बाबा के सत्संग का आयोजन जब भी होता है तो उनके सेवादारों की आर्मी सत्संग की सुरक्षा व्यवस्था, परिवहन, पार्किंग, पानी आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करती है। सेवादारों की आर्मी में महिलाएं भी शामिल होती हैं, जहां भी कथा का आयोजन होता है, वहां मैदान की सफाई का कार्य महिला सेवादारों के द्वारा किया जाता है। वहीं, पुरुष हाथ में बेंत लेकर और सीटी बजाते हुए परिवहन और सुरक्षा की व्यवस्था सुनिश्चित करते हैं।