यूपी में गर्मी का कहर लगातार बढ़ता ही जा रहा है आए दिन गर्मी के कारण लोगों की जान चली जा रही है। सड़क पर चलते हुए लोग अचानक से बेहोश हो जा रहे हैं और हास्पिटल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ देते हैं। दिन पर दिन लोगों की मौत की संख्या बढ़ती ही जा रही है। अब तक पूरे उत्तर प्रदेश में 5 दिनों में रविवार तक गर्मी के कारण 211 से ज्यादा लोगों की जान चली गई है। लगातार मौत की तादाद बढ़ने के कारण पोस्टमार्टम रूम ही फुल हो चुका है। पोस्टमार्टम करने और शवों को जलाने के लिए लंबी लाइन लगानी पड़ती है। घाट पर शव को रखने की जगह तक नही है।
बात की जाए शवों की तो सामान्य दिनों के मुकाबले वाराणसी में घाटों और पोस्टमार्टम हाउस पर बहुत ही ज्यादा शव पहुंचे। प्रयागराज में 5 दिन में 93 शव पोस्टमार्टम हाउस गये, जबकि जिला कानपुर में 58 शव पहुंचे। जिला कानपुर में पोस्टमार्टम हाउस की स्थिति बहुत खराब है, जहां शव रखने की जगह तक नही है। पोस्टमार्टम हाउस 58 शवों से भर गया है। शवों को रखने की जगह तक नही है। कोल्ड चैंबर भी भरे पड़े है और कुछ शवों को बाहर रखा गया है। शवों को जमीन पर रखा जा रहा है। जमीन गर्म होने के कारण शव गलने लगे है, जिस कारण शवों से बदबू आने लगी और उनके पास खड़े भी नही हो सकते है और उन्हें उठाना भी बहुत मुश्किल है।
जो परिजन शवों को लेकर आएं है वो गर्मी से बेहाल है। उन्होनें ने बताया कि अपनों को छोड़कर हम यहां से नही जा सकते है। इसलिए चाहते है कि उनका अन्तिम संस्कार ही अच्छे से हो जाएं और उन शवों को जो लावारिस पड़े हुए हैं उन्हे बहुत बुरी तरीके से रखा जा रहा है।
कानपुर में 38 शवों का पोस्टमार्टम शुक्रवार को हुआ, जिनमे से 7 शव लावारिस थे,वही शनिवार को 58 शव पोस्टमार्टम हाउस में रखे गये जिनमें से 45 शव लावारिस थे,लगातार लावारिस शवों को देखते हुए पोस्टमार्टम हाउस ने जिला प्रशासन से शवों को रखने के लिए और अधिक जगह की मांग की है,और इसके साथ ही पोस्टमार्टम के लिए और अधिक डॉक्टरों की भी मांग की है,जिससे की हालात को काबू किया जा सकें।
बात की जाएं प्रयागराज की तो एस आर एन हास्पिटल के कैंपस में पोस्टमार्टम हाउस से बहुत बदूब आ रही है जैसे की कुछ सड़ गया है। पिछले 3 दिनों में सामान्य दिनों के मुकाबले शवों की तादाद बहुत बढ़ गयी है। अब स्थिति ये है कि कोल्ड चैंबर भर गया है। शवों को बाहर जमीन पर रखा गया है और जो लोग शवों को लेकर आएं, वे शवों के पास बैठकर अपना दिन काट रहे हैं। इतनी गर्मी पड़ रही है बाहर रखे शवों को ठंडा रखने के लिए कूलर लगाये गये है और परिजन भी शवों को ठंडा रखने के लिए शवों पर गीला कपड़ा रख रहे है।
पोस्टमार्टम हाउस के कर्मचारी से बात करने पर उसने बताया कि रोज पोस्टमार्टम हाउस में 8 से 10 शव आते है, लेकिन पहले के मुकाबले एक दिन में 27 शवों का पोस्टमार्टम हो रहा है। हमे ऐसा पहली बार देखने को मिल रहा है शवों को पोस्टमार्टम शाम तक ही किया जाता है, लेकिन अब इतने ज्यादा शव आ रहे है कि शवों का पोस्टमार्टम रात 10 बजे तक किया जाता है और इतनी गंदगी हो जाती है कि साफ करते करते मन खराब हो जाता है।
बात की जाए प्रयागराज के श्रृंग्वेरपुर धाम के शमशान घाट की, जहां स्थिति इतनी खराब है कि जहां शवों की संख्या बहुत बढ़ गयी है। सामान्य दिनों में 30 लाशें जलाई जाती है, लेकिन अब 100 से ज्यादा लाशे जलाई जाती है। प्रयागराज के सीएम ओ डाॅ आशु पांडेय ने बताया कि पोस्टमार्टम हाउस मे तीन से चार दिनों से शव इतने ज्यादा आ रहे हैं। अगर जरूरत पड़ी तो और अधिक डॉक्टरों को बढ़ाया जा सकता है।