हाल ही में प्रदेश की जिन स्वास्थ्य इकाइयों को नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड (एनक्वास) प्रमाण पत्र प्राप्त हुआ है, वह बेहतर तरीके से काम कर रही हैं। वहीं, इस बात की पुष्टि झांसी जिला अस्पताल के हुए औचक निरीक्षण में हुई है। वहां पर ओपीडी, मातृत्व वार्ड, लैब, सिक न्यू बार्न केयर यूनिट (एसएनसीयू) मानक के अनुरूप काम करते मिले हैं। बता दें कि योगी सरकार प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के लिए लगातार काम कर रही है। इसी का नतीजा है कि बेहतर स्वास्थ्य सेवा के लिए प्रदेश के स्वास्थ्य इकाइयों को केंद्र सरकार द्वारा एनक्वास प्रमाण पत्र दिया जा रहा है।
स्वास्थ्य इकाइयों को लगातार किया जा रहा अपडेट
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की निदेशक डॉ. पिंकी जोवल ने बताया कि केंद्र सरकार एनक्वास प्राप्त हर प्रदेश की 10 प्रतिशत स्वास्थ्य इकाइयों का हर साल इस उद्देश्य से औचक निरीक्षण करती है कि इस सर्टिफिकेट पाने के बाद वहां मानकों के अनुरूप मरीजों का इलाज हो रहा है या नहीं। इसमें केंद्रीय टीम निरीक्षण करती है और स्वास्थ्य इकाई को 72 घंटे पहले ही निरीक्षण की सूचना दी जाती है। झांसी जिला अस्पताल प्रशासन को भी 72 घंटे पहले ही सूचना दी गई और केंद्रीय टीम ने निरीक्षण किया।
निरीक्षण के दौरान एनक्वास प्रमाणित स्वास्थ्य इकाई में जो मानक होने चाहिए वह सब झांसी जिला अस्पताल में फालो हो रहे थे। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के महाप्रबंधक डॉ. निशांत कुमार जायसवाल ने बताया कि प्रदेश में स्वास्थ्य इकाइयों को लगातार अपडेट किया जा रहा है। अब तक 281 स्वास्थ्य इकाइयों को एनक्वास मिल चुका है। मालूम हो कि ज्यादा से ज्यादा स्वास्थ्य इकाइयों के एनक्वास प्रमाणित होने से प्रदेश के मरीजों को बेहतर इलाज मिलेगा।
इन मानकों पर खरा उतरने पर मिलता है एनक्वास प्रमाण पत्र
• ओपीडी, अंतः रोगी विभाग, प्रसूति वार्ड, ऑपरेशन थिएटर, प्रयोगशाला, फार्मेसी, रेडियोलॉजी, प्रशासनिक विभाग ठीक से काम कर रहा है
• बायोमेट्रिक हाजिरी, ई-उपचार, मरीजों को भोजन मिलता है
• सेवा प्रदाताओं का मरीजों के प्रति बेहतर व्यवहार है
• मरीजों को उपरोक्त सेवाएं मिलने में कोई परेशानी नहीं हो रही है
पांच और आयुष्मान आरोग्य मंदिर को एनक्वास मिला
महाप्रबंधक डॉ. जायसवाल ने बताया कि हाल ही में पांच और आयुष्मान आरोग्य मंदिर को एनक्वास प्रमाण पत्र मिला है। इसमें लखनऊ का छितवापुर, संत रवीदास नगर का पिपरगऊ और वाराणसी के कोरौताई और थाथारा, अमीनी आयुष्मान आरोग्य मंदिर शामिल हैं। इनको मिलाकर प्रदेश में अब तक 281 स्वास्थ्य इकाइयां एनक्वास प्रमाणित हो गई हैं।