कुंभ का मेला। भाई-बहनों का बिछड़ना और फिर मिलना। फिल्मों में इस सब्जेक्ट पर कई कहानियां बुनी गईं। लेकिन आज हकीकत में हम आपको एक ऐसी कहानी बताएंगे, जिसे सुनकर आप भी कहेंगे भाई-बहन का प्यार इस दुनिया से परे हैं। इस रिश्ते में जहां लड़ाई बेशुमार है तो प्यार उससे कहीं ज्यादा है। भाई किसी भी स्थिति में क्यों न हो बहन उसे पहचान ही लेती है। कुछ ऐसे ही मामला यूपी के कानपुर से सामने आया है। यहां इंस्टाग्राम पर रील देखते-देखते एक बहन ने अपने 18 साल पहले खोए हुए भाई को पहचान लिया, वो भी उसके टूटे हुए दांत के जरिए। चलिए जानते हैं आखिर इसके पीछे की पूरी कहानी क्या है…
टूटे दांत ने भाई-बहन को मिलाया
दरअसल, कानपुर के हाथीपुर गांव में रहने वाली राजकुमारी इंस्टाग्राम में रील देख रही थीं। इसी दौरान उसे एक जाना-पहचान चेहरा दिखा, जो उसके खोए हुए भाई से मिल रहा था। बड़ी बात यह थी कि राजकुमारी के भाई गोविंदा की तरह ही उस शख्स का भी एक दांत टूटा हुआ था। इसके बाद उसे शक हुआ कि कहीं रील में दिख रहा युवक उसका बचपन में बिछड़ा हुआ भाई तो नहीं? फिर क्या था राजकुमारी ने उसकी सारी रील्स देखीं और हर रील में उसका टूटा हुआ दांत नजर आया। साथ ही मिलते हुए चेहरे के कारण राजकुमारी को यकीन हो गया कि वो उसका भाई गोविंद ही हैं।
इस तरह हुई दोनों की मुलाकात
राजकुमारी को युवक की रील से उसकी लोकेशन का भी पता चला, जो जयपुर की थी। इसके बाद बहन ने भाई को मैसेज और उसकी रील में कमेंट करके अपनी पहचान बताई। इस पर गोविंद ने भी अपनी बहन को पहचान लिया और कानपुर आकर मिलने का वादा भी किया और फिर दोनों की मुलाकात भी हुई।
मुंबई गया था नौकरी करने
गोविंद के मुताबिक, 18 साल पहले वो मुंबई नौकरी करने गया था। उस वक्त सभी दोस्तों के संपर्क में था। लेकिन जब जॉब चेंज की तो उनसे संपर्क टूट गया। इसी बीच उसकी बहुत तबीयत खराब हो गई। घर वापस आने के लिए ट्रेन भी पड़की, जो उसे कानपुर की जगह जयपुर ले गई। तभी थके-हारे और परेशान गोविंद की मुलाकात रेलवे स्टेशन पर एक व्यक्ति से हुई, जिसने उसकी सेहत में सुधार होने पर एक फैक्ट्री में नौकरी दिलवा दी। धीरे-धीरे उसकी हालत सुधरने लगी और वे जयपुर में ही रह कर अपना जीवन बसा लिया। साथही जयपुर में ही एक लड़की से शादी की और दो बच्चे हैं। गोविंद के जीवन में बहुत कुछ बदल चुका था, लेकिन उनका टूटा हुआ दांत वैसा ही था, जिससे उसकी बहन ने उसे पहचान लिया।