सीएम कार्यालय में हो रही फीडबैक ने अफसरों की पोल खोल दी है। आईजीआरएस और मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में आ रही शिकायतों पर बिना मौके पर जाए ही और बिना शिकायतकर्ता से बात किए ही ऑफिस में बैठे-बैठे फर्जी ही शिकायतकर्ताओं की समस्या का समाधान कर दिया जाता है। शिकायत करने वाले अधिकतर लोग संतुष्ट नहीं है। लापरवाही के कारण जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने 210 अफसरों को नोटिस जारी किया है। इस मामले में 3 दिन में जवाब देने को कहा है।
मार्च में आचार संहिता लगने के बाद से ही आईजीआरएस की समीक्षा शासन स्तर से बंद हो गई थी। लेकिन जून माह से फिर से शुरू कर दी गई। आईजीआरएस और सीएम हेल्पलाइन पर जिन भी उपभोक्ता ने शिकायत दर्ज कराई है। उनसे फीडबैक लिया गया तो ज्यादातर शिकायत कर्ता ने बताया कि उनकी समस्या का कोई भी समाधान नहीं हुआ है।
सीएम कार्यालय से पांच विभागों से सबसे ज्यादा शिकायतों का फीडबैक लिया गया। यह सभी विभाग से सीधा जनता से जुडे़ हुए है, जिसमें अधिशाषी अभियंता विद्युत की 619 शिकायतों का फीडबैक लिया गया। इनमें से 357 का फीडबैक खराब मिला। जलकल की 410 शिकायतों का फीडबैक लिया गया, जिसमें से 215 का फीडबैक शिकायताकर्ता की समस्या का कोई भी समाधान नहीं हुआ था। समाज कल्याण विभाग की 315 शिकायतों में से 276 शिकायताकर्ता के समस्या का कोई भी समाधान नहीं हुआ था।
आयुक्त नगर निगम स्तर की दो हजार शिकायतों का फीडबैक लिया गया। इसमें से 1147 शिकायतकर्ता का फीडबैक खराब मिला। पंचायती राज विभाग की 125 शिकायतों में से 94 शिकायताकर्ता के समस्या का कोई भी समाधान नहीं हुआ था। महाप्रबंधक जलकल स्तर की 126 शिकायतों में से 357 शिकायतकर्ताओं का फीडबैक खराब मिला। इन सभी विभागों में से 80 फीसदी शिकायताकर्ता के समस्या का समाधान नहीं हुआ ।
जिला उपायुक्त मनरेगा स्तर 12 शिकायतें आईजीआरएस पर भी की गई थी। लेकिन एक भी शिकायत का कोई भी समाधान नहीं हुआ। उसी तरह प्रभारी चिकित्साधिकारी,बिल्हौर,सहायक आयुक्त एंव सहायक निबंधक सहकारिता, बीडीओ ककवन, पतारा, खंड षिक्षा अधिकारी, अधिशाषी अभियंता विद्युत सहित कई अन्य विभागों ने एक भी समस्या को गंभीरता से नहीं लिया गया।
नोटिस मिलते ही विभागों में हड़कंप मचा गया है। सभी विभाग के अधिकारी शिकायतकर्ताओं से संपर्क करक फीडबैक को पॉजिटिव करने में जुटे हुए हैं। डीएम राकेश कुमार सिंह ने बताया कि शिकायतों का समाधान सही से करना जरूरी है। किसी भी अधिकारी की लापरवाही हुई तो उसे बख्शा नहीं जाएगा और जिस भी अधिकारी की गलती हुई उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।