Kaushambi: उत्तर प्रदेश के कौशाम्बी जिले में एक शिक्षक की क्रूरता का मामला सामने आया है। मंझनपुर ब्लॉक के उच्च प्राथमिक विद्यालय नेवारी के हेड अध्यापक शैलेंद्र तिवारी पर एक छात्र पर डंडा फेंककर उसकी बाईं आंख की रोशनी छीनने का आरोप है। पीड़ित छात्र की मां ने बाल कल्याण समिति में शिकायत दर्ज कराई है।
इस पूरे मामले में एक और चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। बताया जा रहा है कि इस घटना के बाद शिक्षक ने पीड़ित परिवार को मामले को रफा-दफा करने के लिए 10 लाख रुपये का एक फर्जी चेक थमाया था। हालांकि, पीड़ित परिवार ने इस धोखेबाजी को स्वीकार नहीं किया और न्याय के लिए आगे बढ़ने का फैसला किया।
मामले की जांच में जुटी पुलिस
जिलाधिकारी मधुसूदन हुल्गी के निर्देश पर पुलिस ने आरोपी शिक्षक शैलेंद्र तिवारी के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। यह घटना कौशाम्बी जिले के करारी थाना क्षेत्र के नेवारी गांव की है। पीड़ित बच्चे की मां ने बताया कि उनका बेटा आदित्य कुशवाहा उच्च प्राथमिक विद्यालय नेवारी में छठी कक्षा का छात्र है।
9 मार्च 2024 को, जब एक मासूम बच्चा अपनी पढ़ाई के लिए स्कूल गया था, उसे इस बात का अंदाजा नहीं था कि उसका जीवन पूरी तरह से बदलने वाला है। हेडमास्टर की क्रूरता ने न केवल बच्चे की आंख की रोशनी छीन ली, बल्कि उसके पूरे परिवार को सदमे में डाल दिया। पीड़ित परिवार की पुलिस में की गई शिकायत को अनदेखा कर दिया गया, जिससे उनके दुख में और इजाफा हुआ।
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बच्चे की आंख की गई रोशनी
जांच रिपोर्ट से साफ हो गया कि हेडमास्टर की क्रूरता के कारण एक मासूम बच्चे की आंख की रोशनी चली गई। लेकिन न्याय की प्रक्रिया इतनी धीमी थी कि पीड़ित परिवार को न्याय मिलने की उम्मीद कम होती जा रही है। किशोर का इलाज कर रहे डॉक्टरों ने भी इस बात की पुष्टि की है कि किशोर की आंख की रोशनी बहाल होना मुश्किल है।
पीड़ित परिवार का आरोप है कि शिक्षक ने उन्हें 10 लाख रुपये का फर्जी चेक दिया था। बीएसए ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है और आरोपी शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया है।