Kaushambi: उत्तर प्रदेश के कौशाम्बी जिले के सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल ने अपने ही स्कूल के छात्र को बिना किसी गलती के डंडे से पीटा, जिस कारण छात्र की आंख बुरी तरह से घायल हो गई। इस मामले में पुलिस प्रशासन की ओर से 6 महीने तक कोई भी केस दर्ज नहीं किया गया।
क्या है पूरा मामला?
पीड़ित की मां ने बताया कि 9 मार्च को उनके दूसरे नंबर का बेटा रोज की तरह स्कूल पढ़ने गया था। बेटे का नाम आदित्य है। आदित्य 7वीं क्लास में गांव के ही सरकारी स्कूल नेवारी में पढ़ता था। 9 मार्च को जब आदित्य स्कूल गया, गांव के कुछ बच्चों ने बताया कि आदित्य स्कूल में बेहोश पड़ा था।
पीड़ित की मां ने बताया कि आदित्य के बाईं आंख से खून निकल रहा था। बेटे को लेकर जब मैं प्रिंसिपल के पास गई और उससे सवाल किये तो प्रिंसिपल ने कोई जवाब नहीं दिया। इसके बाद हम बेटे को भरवारी के ही एक डॉक्टर के पास ले गए। थोड़ी देर इलाज के बाद डॉक्टर ने बेटे को आंख के बड़े हॉस्पिटल में ले जाकर इलाज कराने को कहा। फिर दूसरे दिन स्कूल गये और प्रिंसिपल से सवाल किया। प्रिंसिपल ने कहा कि तुम बेटे का इलाज करवाओ, सारा खर्च मैं दूंगा।
6 महीने तक पुलिस ने नहीं की कोई कार्रवाई
इसके बाद पीड़ित की मां ने प्रिंसिपल की शिकायत करारी थाने में की और आरोपी प्रिंसिपल के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। पुलिस ने प्रिंसिपल को थाने बुलाकर घटना के बारे में पूछताछ की। इसके बाद थानेदार ने बेटे का इलाज कराकर ठीक होने के बाद रिपोर्ट दर्ज कराने को कहा। साथ ही बेटे के इलाज के लिए प्रिंसिपल को पूरा खर्चा देने का आदेश दिया, लेकिन प्रिंसिपल ने इलाज के लिए एक रुपया भी नहीं दिया।
दो बार हो चुका है बेटे की आंख का ऑपरेशन
पीड़ित की मां ने बताया कि पिछले 4 महीनें से जिला चित्रकूट के जानकी कुंड स्थित नेत्र चिकित्सालय में बेटे का इलाज करा रही है। अभी तक दो बार बेटे का ऑपरेशन हो गया है, लेकिन बेटे की आंख अभी तक ठीक नहीं हुई है। अब तो डॉक्टरों ने भी बोल दिया है कि बेटे की आंख की रोशनी वापस नहीं आ सकती है। बेटे के इलाज में अब तक ढाई लाख रुपये लग चुके हैं, लेकिन बेटे की आंख ठीक नहीं हुई है। इलाज में सारे पैसे लग गए। कई लोग के कर्जदार हो गये हैं। मेरा बेटा एक आंख से ही अपने सारे काम करता है।
6 महीने थाने के चक्कर काटे तब जाकर शिकायत दर्ज हुई
पीड़ित की मां ने बताया कि 6 महीनें से कई अधिकारियों से इंसाफ की मांग की, लेकिन किसी ने मदद नहीं की। इसके बाद प्रयागराज के बड़े अधिकारी से मदद की गुहार लगाई तब जाकर 23 सिंतबर को पुलिस प्रशासन ने आरोपी प्रिंसिपल शैलेंद्र तिवारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया।
आरोपी प्रिंसिपल की खोज जारी
वहीं, थाना प्रभारी विनीत सिंह ने बताया कि ये मामला पुराना है। इस मामले में पीड़ित की मां की शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। आरोपी की भी खोज की जारी है। आरोपी को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर लिया जायेगा।
प्रिंसिपल पर विभागी जांच बेसिक शिक्षा अधिकारी कमलेंद्र कुशवाहा द्वारा शुरू कराई गई। प्रिंसिपल शैलेंद्र तिवारी के खिलाफ जांच रिपोर्ट मिलते ही आरोपी को सस्पेंड कर दिया गया है।