Keshav Prasad Maurya: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने शुक्रवार को 69 हजार शिक्षक भर्ती की मेरिट लिस्ट रद्द कर दी। कोर्ट ने बेसिक शिक्षा विभाग को तीन महीने में नई सूची जारी करने का आदेश दिया है।
पिछड़ा व दलित वर्ग के पात्रों की जीत: केशव प्रसाद मौर्य
अब इस मामले में उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि शिक्षकों की भर्ती में इलाहाबाद हाईकोर्ट का फ़ैसला सामाजिक न्याय की दिशा में स्वागत योग्य कदम है।
यह उन पिछड़ा व दलित वर्ग के पात्रों की जीत है जिन्होंने अपने अधिकार के लिए लंबा संघर्ष किया। उनका मैं तहेदिल से स्वागत करता हूं।
शिक्षकों की भर्ती में इलाहाबाद हाईकोर्ट का फ़ैसला सामाजिक न्याय की दिशा में स्वागत योग्य कदम है। यह उन पिछड़ा व दलित वर्ग के पात्रों की जीत है जिन्होंने अपने अधिकार के लिए लंबा संघर्ष किया। उनका मैं तहेदिल से स्वागत करता हूं।
— Keshav Prasad Maurya (@kpmaurya1) August 17, 2024
उम्मीद करती हूं कि वंचित वर्ग के प्रति न्याय होगा: अनुप्रिया पटेल
इससे पहले केंद्रीय राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा, “69000 शिक्षक भर्ती मामले में माननीय इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत है।
खुद पिछड़ा वर्ग आयोग ने माना था कि इस भर्ती मामले में आरक्षण नियमों की अनदेखी हुई। अब जबकि माननीय उच्च न्यायालय ने आरक्षण नियमों का पूर्ण पालन करते हुए नई मेरिट लिस्ट बनाने का आदेश दिया है, तब उम्मीद करती हूं कि वंचित वर्ग के प्रति न्याय होगा। जो माननीय उच्च न्यायालय ने कहा है, मैंने भी हमेशा वही कहा है।
मैंने इस विषय को हमेशा सदन से लेकर सर्वोच्च स्तर पर उठाया है। जब तक इस प्रकरण में वंचित वर्ग को न्याय नहीं मिल जाता मैं इस विषय को तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचाने के लिए लगातार हर संभव प्रयास करती रहूंगी।”

हाईकोर्ट ने मौजूदा लिस्ट को गलत मानते हुए किया रद्द
दरअसल, 69000 शिक्षकों की भर्ती में आरक्षण का पालन न करने का मामला लंबे समय से हाईकोर्ट में लंबित था। भर्ती में 19 हजार सीटों के आरक्षण को लेकर अनियमितता का आरोप लगाते हुए कई लोगों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
हाईकोर्ट ने शिक्षकों की मौजूदा लिस्ट को गलत मानते हुए मेरिट लिस्ट को रद्द कर दी। साथ ही, योगी सरकार से तीन महीने के अंदर नई लिस्ट तैयार कर जारी करने का आदेश दिया।
Uttar Pradesh | Recruitment of 69,000 teachers in UP cancelled, Lucknow High Court Double Bench orders to issue fresh results; new list should be made by following Reservation Rules 1981 and Reservation Rules 1994
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) August 16, 2024
बता दें कि जब दिसंबर 2018 में यह लिस्ट आई थी, तभी से इस पर विवाद शुरू हो गया था। शिक्षक भर्ती परीक्षा में शामिल अभ्यर्थियों ने 19 हजार पदों को लेकर आरक्षण में गड़बड़ी का आरोप लगाया था। उन्होंने पूरी भर्ती प्रक्रिया पर सवाल उठाए थे।
योगी सरकार ने दिसंबर 2018 में 69000 सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए जनवरी 2019 में परीक्षा कराई थी, जिसमें 4.10 लाख अभ्यर्थी शामिल हुए थे। करीब 1.40 लाख अभ्यर्थी भर्ती परीक्षा में सफल हुए, जिनकी मेरिट लिस्ट जारी की गई। यह लिस्ट आते ही विवादों में घिर गई। अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया था कि आरक्षण के चलते उनका नाम लिस्ट में नहीं है।