समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लोकसभा सांसद बाबू सिंह कुशवाहा और धर्मेंद्र यादव को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। जौनपुर लोकसभा संसदीय क्षेत्र से सांसद बाबू सिंह कुशवाहा को अखिलेश ने समाजवादी संसदीय पार्टी का उपनेता बनाया तो आजमगढ़ लोकसभा क्षेत्र से सपा सांसद धर्मेंद्र यादव को मुख्य सचेतक का जिम्मेदारी सौंपी गई है। जबकि अखिलेश यादव खुद समाजवादी संसदीय पार्टी के नेता होंगे।
जानें सचेतक का काम?
दरअसल, सत्ताधारी और विपक्षी दोनों दल अपने सचेतक नियुक्त करते हैं, जिनके कुछ कामकाज समान होते हैं। लेकिन, जो विपक्ष दल के सचेतकों की भूमिका सबसे ज्यादा अहम मानी जाती है, क्योंकि वो अपने सभी सदस्यों को जरूरी सूचना उपलब्ध कराते हैं और सदन में संबंधित दलों के सदस्यों की उपस्थिति और प्रतिभागिता, विशेष रूप से महत्वपूर्ण चर्चाओं और मतदान के दौरान, सुनिश्चित करते हैं। वे संसद/विधानमंडलों में उच्च स्तर के वाद-विवाद के स्तर को बनाए रखने में भी अहम भूमिका निभाते है।
इसके अलावा वे संसदीय कार्य मंत्रालय के अनुसार सचेतक कुशल समन्वय की तुलना में संसदीय प्रक्रियाओं, पद्धतियों और परिपाटियों की जटिल अपेक्षाओं को सुनिश्चित करने के लिए अपने दलों और सदस्यों की ओर से संबंधित सदन के पीठासीन अधिकारियों और सचिवालय के साथ विचार-विमर्श भी करते हैंय़
उपनेता की भूमिका क्या है?
वहीं, अगर उपनेता की बात करें तो सदन में नेता की गैरमौजूदगी में उप नेता सारा काम देखते हैं। जैसे ही, अगर अखिलेश यादव संसद की कार्यवाही के दौरान किन्हीं कारणों से अनुपस्थित रहते हैं तो बाबू सिंह कुशावाहा उनकी भूमिका अदा करेंगे। उन्हें संसद में एक दफ्तर मिलेगा जो मुख्य सचेतक और नेता संसदीय दल के साथ होगा।