यूपी लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा का प्रदर्शन खराब रहा। इसके बाद से ही पार्टी पर लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं। दूसरी ओर भाजपा ने भी लोगों की नाराजगी दूर करने की कवायद शुरू कर दी है। इसी कड़ी में पार्टी जल्द ही ओबीसी नेताओं के साथ बड़ी बैठक करेगी। यूपी सरकार में मंत्री और राज्य ओबीसी मोर्चा के अध्यक्ष नरेंद्र कश्यप का कहना है कि ओबीसी समाज को एक साथ लाया जाएगा और उनकी नाराजगी की वजह भी जानी जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि संगठन, सरकार से बड़ा है। संगठन है तो ही सरकार है।
ओबीसी कार्य समिति की बैठक
दरअसल, 29 जुलाई को भारतीय जनता पार्टी ओबीसी कार्य समिति की बैठक करने वाली है। इस बैठक में सीएम योगी आदित्यनाथ समेत डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और बृजेश पाठक के साथ ही भाजपा के बड़े नेता शामिल होंगे। बैठक का एजेंडा यही है कि कैसे ओबीसी वोट बैंक को बनाए रखा जाए। इतना ही नहीं अगर नाराजगी की वजह से ओबीसी कहीं और शिफ्ट हुए हैं तो उन्हें कैसे अपने पाले में वापस लाया जाए। कश्यप का कहना था कि बीजेपी कार्यकर्ता और नेताओं के अति आत्मविश्वास की वजह से यूपी में नुकसान झेलना पड़ा है।
बता दें, उत्तर प्रदेश की राजनीति में हर दल पिछड़ा वर्ग को साधने की कोशिश करता है। इस बार के लोकसभा चुनाव की बात करें तो जैसा परिणाम देखने को मिला, उससे साफ पता चलता है कि पिछड़ा वर्ग ने भाजपा से दूरी बना ली है। आम चुनाव में बीजेपी ने यूपी में 33 सीटें जीतीं। जबकि 2019 के चुनावों में 62 सीटों पर जीत हासिल की थी। इससे पहले 2014 में बीजेपी ने यूपी में 71 सीटों पर जीत हासिल की थी। इस बार कमजोर प्रदर्शन में पिछड़ा वर्ग की नाराजगी भी एक महत्वपूर्ण कारण माना जा रहा है। यूपी में पिछड़ा वर्ग (OBC) की आबादी कुल जनसंख्या का लगभग 50% है, जो चुनावी दृष्टि से एक महत्वपूर्ण वोट बैंक है।