जनता की समस्याओं को सुनने और समय पर उनका निस्तारण कराने के लिए योगी सरकार ने महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। गुड गवर्नेंस की अपनी प्रतिबद्धता का अनुकरण करते हुए सरकार ने प्रदेश भर की विभिन्न तहसीलों में तैनात उपजिलाधिकारी (एसडीएम) और तहसीलदार को अब उसी तहसील में निवास करने का आदेश जारी किया है। इस आदेश का उद्देश्य यह है कि उपजिलाधिकारी और तहसीलदार ज्यादा से ज्यादा समय अपनी तहसील में बिताएं और लोगों की समस्याओं को सुनकर उसका निस्तारण करें। इससे न सिर्फ अधिकारियों की, बल्कि सरकार की छवि में भी सुधार होगा। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की ओर से सभी मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को इस संबंध में निर्देश जारी किए गए हैं।
मुख्य सचिव की ओर से मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को जो निर्देश दिए गए हैं, उसके अनुसार जनसमस्याओं का समाधान सरकार की प्राथमिकता है। सरकार की गुड गवर्नेंस की प्रतिबद्धता के लिए यह आवश्यक है कि तहसील स्तरीय प्रशासन पूरी सजगता और तत्परता से कार्य करें। इस निर्देशन और पर्यवेक्षण को सशक्त बनाने के लिए यह आवश्यक है कि संबंधित तहसीलदार और उपजिलाधिकारी जिस तहसील में तैनात हैं, वहीं निवास करें।
संबंधित जिलाधिकारी और मंडलायुक्त यह सुनिश्चित करेंगे कि संबंधित तहसीलदार और उपजिलाधिकारी जिस तहसील में तैनात किए गए हैं, वहीं निवास करें। सभी जिलाधिकारी ईमेल आईडी पर 7 दिन के अंदर इस आशय का सर्टिफिकेट उपलब्ध कराएंगे कि संबंधित मंडलायुक्त और शासन स्तर से इस विषय का आकस्मिक निरीक्षण और जांच भी की जाएगी। संबंधित तहसीलदार और उपजिलाधिकारी यदि तहसील में निवासरत नहीं पाए गए तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।