उत्तर प्रदेश की कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में अध्ययनरत दो बालिकाओं को जापान के सकुरा साइंस हाई स्कूल प्रोग्राम में प्रतिभाग करने का मौका मिला है। ये बेटियां क्रमशः प्रयागराज और प्रतापगढ़ जिलों की रहने वाली हैं। विज्ञान के योग्य शिक्षकों के सुपरवीजन में जापान जाने वाली बालिकाओं को अन्य देशों के बच्चों और विशेषज्ञों के साथ शैक्षिक नवाचार के अनुभवों को साझा करने का अवसर मिलेगा।
बता दें कि जापान साइंस एंड टेक्नोलॉजी एजेंसी द्वारा सकुरा साइंस हाई स्कूल प्रोग्राम पहली अप्रैल 2024 से 31 मार्च 2025 तक जापान आयोजित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश की 02 बालिकायें कुमारी संध्या सरोज (कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय बहरिया, प्रयागराज) और कुमारी रिया पटेल (कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, सदवा चंद्रिका, प्रतापगढ़) का चयन हुआ है। 10 नवंबर से 16 नवंबर के बीच होने वाले सकुरा साइंस हाई स्कूल प्रोग्राम में प्रतिभाग करने का इन्हें मौका मिला है।
इन्हें मिलता है अवसर
ज्ञातव्य हो कि सकुरा साइंस हाई स्कूल प्रोग्राम ऐसे बच्चों के लिए आयोजित किया जाता है, जो विज्ञान वर्ग में 11वीं और 12वीं के छात्र हों और कक्षा 10 के टॉपर हों। इनमें अंग्रेजी बोलने की दक्षता का होना भी आवश्यक है। ऐसे में इन दोनों बालिकाओं का चयन यह बताता है कि योगी सरकार में दी जा रही गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का प्रदेश की बेटियों को लाभ मिल रहा है।
जापान उठाएगा खर्च
बड़ी बात यह है कि इस कार्य में जितना भी खर्चा आएगा, उसे जापान विज्ञान और प्रौद्योगिकी एजेंसी (जेएसटी) द्वारा उठाया जाएगा। चाहे वह जापान भ्रमण पर आने वाला खर्च हो और इनके रहने और खाने-पीने पर होने वाला व्यय हो; सारा खर्च जापान विज्ञान और प्रौद्योगिकी एजेंसी (जेएसटी) करेगी। इतना ही नहीं, कार्यक्रम में प्रतिभाग करने वाली छात्राओं को जापान सरकार द्वारा भ्रमण अवधि का बीजा भी उपलब्ध कराया जायेगा।
नोबेल पुरस्कार विजेताओं से मिलने का भी मौका
सकुरा साइंस हाईस्कूल प्रोग्राम में शामिल होने वाले बच्चों को नोबेल पुरस्कार विजेताओं से भी मिलाया जाता है। प्रमुख वैज्ञानिकों द्वारा पढ़ाए जाने वाले विशेष विषयों में भागीदारी, प्रमुख जापानी विश्वविद्यालयों और शोध संस्थानों का भ्रमण कराकर इनके ज्ञान और अनुभावों को अत्यधिक पुष्ट किया जाता है। इतना ही नहीं, इन्हें जापानी हाई स्कूल के छात्र-छात्राओं के साथ सामाजिक गतिविधियों में भागीदारी करने का अवसर दिलाकर जापानी संस्कृति का अनुभव भी कराया जाता है।