पश्चिमी उत्तर प्रदेश में राजपूतों की नाराजगी दूर करने के लिए बीजेपी कोई कसर नहीं छोड़ रही है। इसी बीच पार्टी ने एक बड़ा फैसला लेते हुए यूपी के पूर्व एमएससी यशवंत सिंह का निष्कासन रद्द कर दिया है। बीजेपी की यूपी इकाई अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने उनकी वापसी की घोषणा की है। कहा जा रहा है कि यशवंत सिंह घोसी लोकसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने का एलान कर सकते हैं। 2022 में भाजपा ने उन्हें 6 साल के लिए पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया था।
भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव के बीच यशवंत सिंह का निष्कासन रद्द किया है, जिसके बाद ये माना जा रहा है कि ऐसा करके बीजेपी ने ठाकुर समाज की नाराजगी को दूर करने का काम किया है। साथ ही पार्टी ने आजमगढ़ में अपना वोट बैंक को भी मजबूत किया, क्योंकि यहां उनका काफी ज्यादा प्रभाव माना जाता है, जिस कारण पार्टी को यहां से एक बड़ी मजबूती मिल सकती है।
बता दें, यशवंत सिहं पहले समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी में थे। 2017 में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी को ज्वाइन कर लिया था। बाद में बीजेपी ने उन्हें MLC बनाया था, लेकिन बगावत के चलते पार्टी ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया था। इस बीच चर्चा ये भी थी कि शायद वो किसी और पार्टी में शामिल हो जाए। लेकिन,निष्कासन रद्द होने के पार्टी पार्टी ने सभी कयासों में विराम लग दिया है।