भाजपा की पूर्व सांसद संघमित्रा मौर्य को लखनऊ की एमपी-एलएलए कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। 12 अगस्त तक उनको अंतरिम जमानत मिल गई है। संघमित्रा मौर्य पर आरोप है कि उन्होंने बिना तालाक दिए दूसरी शादी कर ली थी। कोर्ट की ओर से कई बार उनके खिलाफ नोटिस जारी किया गया था, लेकिन उसके बाद भी वह कोर्ट में पेश नहीं हुई और फिर उनके खिलाफ गैर जमानती वारांट जारी किया गया था।
वहीं, दीपक कुमार स्वर्णकार का कहना है कि 3 जनवरी 2019 को उसका विवाह संघमित्रा मौर्य से हुआ था। उस वक्त अभियुक्ता और उसके पिता ने कहा था कि उसका अपने पहले पति से तलाक हो चुका था, लेकिन बाद में पता चला कि अभियुक्ता का तलाक 2021 में हुआ था। दावा है कि संघमित्रा ने अपने चुनावी हलफनामे में खुद को अविवाहित बताया और यह पूरी तरह से झूठ है। इन आरोपों के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य और उनका पूरा परिवार विवादों के घेरे में है।
कौन हैं संघमित्रा मौर्य?
संघमित्रा मौर्य ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत 2011 में कासगंज के सिढ़पुरा से की थी। संघमित्रा मौर्य ने भाजपा के टिकट पर साल 2019 में बदायूं सीट से सपा के धर्मेंद्र यादव को हराया था। इससे पहले 2014 के लोकसभा चुनाव में वो बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर यूपी की मैनपुरी सीट से मुलायम सिंह यादव के खिलाफ भी चुनाव लड़ चुकी हैं।
उस समय उनके पिता स्वामी प्रसाद मौर्य बसपा में थे। इसके अलावा 2012 के यूपी विधानसभा चुनाव में भी वो एटा जिले की अलीगंज विधानसभा सीट से सपा के खिलाफ बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ीं थी। हालांकि इन दोनों ही चुनाव में उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था।