सीएम योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को जल जीवन मिशन से संबधित बैठक ली। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश जारी किए। उन्होंने कहा कि जल्द से जल्द प्रदेश के सभी गांवों में शुद्ध पेयजल देने की व्यवस्था को पूरा किया जाए। पाइप लाइन बिछाने के साथ ही उसके संचालन और मेंटेनेंस को लेकर भी समुचित व्यवस्था होनी चाहिए। जल जीवन मिशन में हर घर शुद्ध पेयजल पहुंचाने के कार्य में प्लंबर की भूमिका को सबसे महत्वपूर्ण बताते हुए मुख्यमंत्री ने इनकी समुचित ट्रेनिंग के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया।
सीएम योगी ने कहा कि इस बात का खास ध्यान रखा जाए कि जल जीवन मिशन में उपयोग की जा रही सामग्री उच्च क्वालिटी की हो। पाइप, नल आदि की क्वालिटी अच्छी से अच्छी हो। साथ ही टोंटी चोरी और खराब होने पर तत्काल नई टोंटी की व्यवस्था कराई जाए। अधिकारियों ने इस दौरान मुख्यमंत्री को बताया कि प्रदेश में 2 करोड़ 63 लाख से अधिक हाउस होल्ड के लिए शुद्ध पेयजल की व्यवस्था की जा रही है, जिसमें 1 लाख 60 हजार करोड़ रुपए लागत आ रही है। वहीं, हर साल इसके संचालन और मेंटेनेंस में करीब साढ़े चार हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य के लिए शुद्ध पेयजल अत्यंत आवश्यक है। ग्रामीण जनता को शुद्ध पेयजल मिलने से उन्हें विभिन्न बीमारियों से निजात मिलेगी, जिससे हमारे गांव स्वस्थ होंगे। ये योजना एक प्रकार से वॉटर थैरेपी की तरह है, जिससे पाचन संबंधित बीमारियां, यूरीन संबंधित बीमारियां, पीलिया, किडनी की पथरी और किडनी फेल होने जैसी बीमारियों से काफी हद तक छुटकारा मिलेगी।
सीएम ने कहा कि जल जीवन मिशन के लिए अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की मदद से ग्रामीणों को जागरूक करना होगा। इसके लिए ग्राम प्रधान के साथ मिलकर कार्ययोजना तैयार करनी चाहिए। शुद्ध पेयजल के लिए ग्रामीणों तक इस बात को पहुंचाया जाना चाहिए कि यह उनके मोबाइल के मासिक खर्च से भी कम में उन्हें दिया जा रहा है। इसके लिए पंचायत सहायक और बीसी सखियों को भी लगाया जाए।