यूपी लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा का प्रदर्शन काफी खराब रहा। इसके बाद से ही सियासी गलियारों में चर्चाओं का दौर है। इसी बीच रविवार, 14 जुलाई को यूपी के चुनाव नतीजों की समीक्षा की गई, जिसमें सीएम योगी से लेकर प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा तक, बीजेपी के बड़े-बड़े नेता शामिल थे। सभी ने मंथन के मच पर अपनी-अपनी बात रखी। इस दौरान लोकसभा चुनाव में पार्टी के यूपी में खराब प्रदर्शन पर बात हुई तो भविष्य को लेकर रोडमैप भी तैयार किया गया।
यूपी बीजेपी कार्यसमिति में पहली बार संगठन और सरकार के बीच तालमेल को लेकर नेता मुखर नजर आए। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने मंथन मंच पर कहा कि संगठन, सरकार से ऊपर होता है। कोई व्यक्ति या सरकार संगठन से बड़ा कभी नहीं हो सकता है। बड़े पेड़ की टहनी से जब कुल्हाड़ी बनती है तभी वो पेड़ काटा जा सकता है। मौर्य आगे कहते हैं कि कार्यकर्ताओं की समस्या जो है, वहीं दर्द हमारा भी है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लोकसभा चुनाव में यूपी की हार अतिआत्मविश्वास की हार है। विपक्षियों ने सोशल मीडिया का काफी सही इस्तेमाल किया, जो हम नहीं कर पाए। सीएम योगी ने नेताओं और कार्यकर्ताओं को ये टास्क भी दे दिया कि उपचुनाव में सबको अपनी ताकत दिखानी होगी। बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि छुई-मुई कार्यकर्ताओं से काम नहीं चलेगा। हम चैलेंज करने वाले लोग हैं और चैलेंज करना पड़ेगा।
बता दें, लोकसभा चुनाव में बीजेपी 2019 की 62 के मुकाबले 33 सीटें ही जीती। सहयोगी आरएलडी ने दो और अपना दल को एक सीट पर जीत मिली। एनडीए यूपी में 36 सीटें ही जीत सका। वहीं, दूसरी ओर समाजवादी पार्टी ने अकेले 37 सीटों पर जीत का परचम लहरा दिया था। यूपी में इन नतीजों के बाद सीएम योगी आलोचनाओं और हमलों के केंद्र में रहे हैं।