इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरूवार को लखनऊ विकास प्राधिकारण (एलडीए) लखनऊ बेंच को अकबरनगर के 73 ऐसे अवैध कब्जा करने वालों की सूची सौंपी गयी,जो कि आयकर और जीएसटी रिर्टन भरते है। और उनका टर्नओवर करोड़ों रूपये में है। एलडीए ने कोर्ट को ये भी बताया कि सूची में अभी और नाम जा़ेडे जाएंगें। एलडीए की तरक कों सुनकर कोर्ट ने बताया कि ऐसे लोगों की जमीनों की ब्योरा का खोज किया है। कोर्ट ने पूछा कि ऐसे कितने अवैध कब्जा करने वालों की जमीन अकबरनगर में है। कितना पर कार्य हुआ है। और पूरे देश में इन लोगों के पास कितनी जमीनें है।
इस मामले की अगली सुनवाई 19 फरवरी को होगी। वरिष्ठ अधिवक्ता जेएन माथुर को कोर्ट ने 19 याचिकाकर्ता को विवरण सत्यापित करने का अवसर दिया है। इससे पहले भी वरिष्ठ अधिवक्ता जेएन माथुर ने सूची सत्यापन के लिए और अधिक समय की मांग की थी जिसे कोर्ट ने का इनकार कर दिया था।जस्टिस विवेक चैधरी और जस्टिस ओम प्रकाश शुक्ला की ने अकबरनगर के सभी निवासियो की ओर से 87 आवेदन दिया गया है। एलडीए की ओर से सुनवाई के लिए अधिवक्तागण सुदीप कुमार,अनुज कुदेसिया और रत्नेश चंद्रा ने अकबरनगर के 73 अवैध कब्जा करने वालों की सूची देते हुए बताया कि इनमेें से 19 ऐसे लोगो है जिन्होनें कोर्ट में आवेेदन दिया है। कोर्ट ने उन निवासियों की ओर से दलील कर रहे जेएन माथुर से कहा है कि वो उन 19 आवेदनकर्ताओं के रिकार्ड की पुष्टि करा लें।
कोर्ट ने 13 फरवरी को मामले की सुनवाई मे बताया कि अकबरनगर में अवैध कब्जा करके रहने वालों मे कोई समानता नहीं है। कोर्ट का कहना है कि कम आय वर्ग के लोगों और धनी लोगों को एक समान्य नही माना जा सकता है। कोर्ट ने बताया था कि आवेदन में अधिकतर कम आय वर्ग के लोग है। जिनके पास बड़े शोरूम,दुकाने है जो बड़ी बड़ी मंजिलों के है। ऐसे लोगों की झोपडी़ में रहने वालों से कोई समानता नही है। कोर्ट की तरफ से उन लोगों की पहचान करना शुरू कर दिया गया है। एलडीए ने 21 दिसंबर को झोपड़ी को हटाने की कार्यवाही शुरू कर दी गयी थी। जिस पर कोर्ट ने पहले झोपड़ी में रहने वाले लोगों को दुसरी जगह घर देने का आदेश दिया था। एलडीए की तरफ से वहाँ कैम्प भी लगाया गया लेकिन कोई भी ऐसे लोग वहाँ नही मिले अभी तक 1068 अवैध घरों में से अभी तक 183 लोेगोें ने ही पीएम आवास के लिए आवेदन दिया है।