Lucknow: विद्यालय एक मंदिर की तरह होता है। बच्चे उस मंदिर में फूल के समान होते हैं। उन्हें बड़े प्यार से निखारा जाता है। इस मंदिर में मासूम बच्चों को ज्ञान, संस्कृति और संस्कार मिलते हैं, लेकिन शिक्षा के इसी मंदिर में बच्चों को कई बार भेदभाव का सामना करना पड़ता है। जी हां… उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से ऐसा ही एक मामला सामने आया है…
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, लखनऊ में काकोरी के बहरू गांव स्थित पूर्व माध्यमिक विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र के पिता ने स्कूल की प्रिंसिपल पर जूठे बर्तन साफ न करने पर बेटे को परीक्षा में बैठने से रोकने का आरोप लगाया है। पिता का आरोप है कि उसके बेटे के लिए जाति सूचक शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है। स्कूल की प्रिंसिपल के व्यवहार से वह डिप्रेशन में है।
क्या है पूरा मामला?
काकोरी के बंडाखेड़ा के रहने वाले अनिल यादव का बेटा प्रशांत यादव पूर्व माध्यमिक विद्यालय बहरू में आठवीं कक्षा का छात्र है। अनिल ने आरोप लगाया है कि स्कूल की प्रिंसिपल मीरा शर्मा उनके बेटे प्रशांत से निजी काम करवाती थी। उसे जूठे बर्तन धोने के लिए कहती थी। जब प्रशांत ने मना करता था तो उसे मारती-पीटती हैं। इतना ही नहीं, जातिसूचक शब्दों का भी इस्तेमाल करती हैं।
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छात्र के पिता ने BSA को लिखे प्रार्थना पत्र में कहा कि विद्यालय में चल रही मासिक परीक्षा में भी उनके बेटे को बैठने नहीं दिया और पीटकर विद्यालय से भगा दिया। उन्होंने कहा कि प्रशांत अभी तक हुए सात पेपरों में परीक्षा नहीं दे पाया है। इसके कारण उनका बेटा मानसिक रूप से परेशान होकर डिप्रेशन में चला गया है।
BSA ने कही ये बात
वहीं, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी राम प्रवेश का कहना है कि शिकायत के बारे में जानकारी नहीं है। हो सकता है कि कार्यालय में दिया हो। जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी।