Muharram 2024: इस्लाम धर्म में रमजान के पाक महीने के बाद मुहर्रम का खास स्थान होता है। मुहर्रम इस्लामिक चंद्र कैलेंडर का पहला महीना कहलाता है। माह-ए-मोहर्रम की अलग-अलग तिथियों का भी मुस्लिम समुदाय के लोगों के बीच बड़ा विशेष महत्व है। कहा जाता है कि विशेषकर मुहर्रम का 10वां दिन खास होता है। इसे यौम-ए-आशूरा कहा जाता है। वहीं, इस बार मुहर्रम 17 जुलाई 2024 को है। हालांकि, इस्लाम में हर त्योहार चांद के दीदार होने के बाद ही मनाया जाता है।
Muharram 2024: यूपी की राजधानी लखनऊ में रूट डायवर्जन
इसी बीच मुहर्रम जुलूस को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश के कई शहरों के लिए ट्रैफिक एडवाइजरी जारी की गई है। प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कई रूट डायवर्ट किए गए हैं। ट्रैफिक एडवाइजरी के मुताबिक, मंसूर नगर तिराहा से टूडियागंज या शिया यतीम खान, टापेवाली गली की ओर जाने के लिए कश्मीरी मोहल्ला होकर जाना होगा। रकाबगंज पुल तिराहे की ओर से जाने के लिए मेडिकल कॉलेज या नाका होकर जाना होगा। मेडिकल क्रॉस (कमला नेहरू) चौराहे से कोई भी वाहन मेफेयर तिराहा (विक्टोरिया स्ट्रीट), नखास की ओर नहीं जा सकेगा।
Muharram 2024: नोएडा में ये जगह रहेंगी प्रभावित
वहीं, मुहर्रम के अवसर पर नोएडा में कई जगहों पर जुलूस निकाले जाएंगे। एक रिपोर्ट के मुताबिक, नोएडा में यातायात विभाग ने पहले से ही डायवर्जन प्लान बना लिया है, ताकि लोगों को दिक्कतों का सामना न करना पड़े।
गौतमबुद्ध नगर पुलिस कमिश्नरेट के यातायात विभाग की ओर से जारी डायवर्जन प्लान के मुताबिक, जुलूस 17 जुलाई को लगभग 11 बजे ए-69 सेक्टर 22 से शुरू होकर चौडा मोड, एडोब चौराहा होते हुए वीवीगिरी संस्थान के सामने से होते हुए एनटीपीसी के सामने से यू-टर्न लेकर प्रकाश हॉस्पिटल, सुमित्रा हॉस्पिटल, मोरना बस स्टैण्ड के सामने से होते हुए यू-टर्न लेकर सेक्टर 50 की मार्केट व रामाज्ञा स्कूल के सामने से होते हुए ई-97 सेक्टर 50 नोएडा तक जाएगा।
दोपहर करीब दो बजे जामा मस्जिद सेक्टर 06 से शुरू होकर रॉयल इन्फील्ड तिराहा सेक्टर 10 से बांस बल्ली मार्केट होते हुए एमपी-01 मार्ग से स्टेडियम चौक से शिवानी फर्नीचर चौक, झुण्डपुरा चौक से उद्योग मार्ग से सेक्टर 5 होकर थाना फेस-1 के सामने होते हुए सेक्टर 4 तक जाएगा।
इसके अलावा, नोएडा सेक्टर 16 कार मार्केट से शुरू होकर नयाबांस सेक्टर 15 से यू-टर्न कर रजनीगन्धा चौक से बाऐं मुडकर टी-सीरीज चौक, टेलीफोन एक्सचेंज चौक से बाएं सेक्टर 4 तक जाएगा।
गौरतलब है कि मुसलमानों के लिए यह शोक, गम और त्याग का त्योहार होता है। इसलिए इस दिन मुस्लिम समुदाय के लोग
काले रंग के कपड़े पहनते हैं और कर्बला की जंग में शहादत होने वालों की याद में मातम मनाते हुए ताजिया जुलूस निकालते हैं। हालांकि मुहर्रम अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है। जैसे शिया समुदाय के लोगों द्वारा ताजिया निकाला जाता है, मजलिस पढ़े जाते हैं और दुख जाहिर किया जाता है, तो वहीं सुन्नी समुदाय वाले रोजा रखकर नमाज अदा करते हैं।
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यौम-ए-आशूरा मुहर्रम के 10वें दिन को कहा जाता है। इस्लामिक के अनुसार, इसी दिन कर्बला की जंग में पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब के छोटे नवासे हजरत इमाम हुसैन और उनके 72 साथी शहीद हो गए थे, इसलिए इस दिन को खुशी के उत्सव के बजाय शोक के रूप में मनाया जाता है।