उत्तर प्रदेश के अलग-अलग अस्पतालों में लंबे समय से गैर हाजिर चल रहे 17 डॉक्टरों को बर्खास्त कर दिया गया है। इसी तरह तीन चिकित्साधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है। इस कार्रवाई को डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक द्वारा अंजाम दिया गया है। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि किसी भी कीमत पर लापरवाही बर्दास्त नहीं की जाएगी।
दरअसल, यूपी के अलग-अलग अस्पतालों में डॉक्टरों की तैनाती की गई थी। लेकिन अपनी ड्यूटी करने के बजाए सभी चिकित्साधिकारी गायब ही हो गए। कई बार उन्हें नोटिस भी भेजा गया। लेकिन वे अस्पताल नहीं लौटे। इस पर उन्हें बर्खास्त कर दिया गया है।
इसमें मथुरा जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बलदेव के चिकित्साधिकारी डॉ. आनंद गोयल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के मोहनकोला की चिकित्साधिकारी डॉ. नेहा सिंह, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जगदीशपुर की चिकित्साधिकारी डॉ. निक्की, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जमीन फरेंदा की चिकित्साधिकारी डॉ. ईशा सिंह, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, खेसरहा की चिकित्साधिकारी डॉ. पारुल वर्मा शामिल हैं।
इसी तरह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र होलीपुरा की चिकित्साधिकारी डॉ. कृतिका, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र आहरण की चिकित्साधिकारी डॉ. सुनाक्षी सेठ, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बेतिया के चिकित्साधिकारी डॉ. रजनीश चौधरी, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मुरली छपरा के चिकित्साधिकारी डॉ. राहुल कुमार, सीएमओ बलिया कार्यालय में कार्यरत डॉ. एसपी जैन, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कालपी के चिकित्साधिकारी डॉ. सत्येंद्र पुरवार, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को बर्खास्त किया गया है।
वहीं, बमटापुर (बरनाहाल) की चिकित्साधिकारी डॉ. अंजली वर्मा, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, औछा की चिकित्साधिकारी डॉ. स्वाति कुशवाहा, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, मड़िहान के चिकित्साधिकारी डॉ. अखलाक अहमद, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, भोजीपुरा चिकित्साधिकारी डॉ. रूबी जायसवाल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, जसराना की चिकित्साधिकारी डॉ. सरिता पांडेय, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हथौली जयसिंहपुर के चिकित्साधिकारी डॉ. मनीष मगन शामिल हैं। इन सभी की बर्खास्तगी के बाद संबंधित पद को रिक्त घोषित कर दिया गया है।