लखनऊ जाते समय अचानक राहुल गांधी का काफिला सुल्तानपुर के गुप्तागंज के विधायक नगर के रामचेत नाम के एक मोची की दुकान पर रुका। राहुल गांधी गाड़ी से निकल कर रामचेत की दुकान पर जाकर बैठे और रामचेत से बाते करने लगे। बातचीत के दौरान राहुल गांधी ने वहां जूते चप्पलों की सिलाई भी की। साथ ही रामचेत से उनकी परेशानियों के बारे में भी जाना।
राहुल गांधी ने रामचेत की दुकान पर जो चप्पल सिली थी, अब उस चप्पल को लेने के लिए रामचेत को मुंह मांगी कीमत दी जा रही है, लेकिन रामचेत चप्पल बेचने को तैयार नहीं हैं। रामचेत से बात करने पर उन्होंने बताया कि चप्पल लेने के लिए कई लोग फोन कर रहे हैं। इस चप्पल को लेने के लिए 1 लाख रुपये तक के ऑफर आ चुके हैं। एक व्यक्ति कॉल करके बोलता है कि तुम मुझे चप्पल दे दो, मैं तुम्हें बैग भर के पैसा दूंगा। 29 जुलाई को एक व्यक्ति दुकान पर आया और बातें की। इसके बाद राहुल गांधी के सिले जूते के बजाए 10 हजार रुपये देने की बात की, जिसे मैंने मना कर दिया।
रामचेत ने बताया कि राहुल गांधी ने मुझे कॉल भी किया था और पूछा कि सब ठीक है। कोई परेशानी तो नहीं है। राहुल गांधी ने मुझे सिलाई मशीन भी गिफ्ट की है। रामचेत ने कहा कि अब हम राहुल की पार्टी को सपोर्ट करेंगे। रामचेत ने बताया कि जब से राहुल गांधी उनकी दुकान पर आए हैं, तब से उनके घर पर कभी कर्मचारी तो अधिकारी आते रहते हैं और पूछते रहते हैं कि मुझे कोई परेशानी तो नहीं है। इससे पहले अभी तक कोई पूछने नहीं आया।
रामचेत ने बताया कि उसे जूता-चप्पल सिलते हुए 30 साल हो गए। वह किसी भी नेता को नहीं जानता है। अपने गांव के प्रधान से कई बार घर के लिए कहा, लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई थी। जब से राहुल गांधी दुकान पर आए हैं, तब से प्रधान घर आ रहे हैं और बोलते हैं कि घर जल्द ही मिल जाएगा।