यूपी के परिषदीय विद्यालयों में ऑनलाइन अटेंडेंस को लेकर शिक्षकों में काफी रोष है। दूसरी ओर इस मामले को लेकर राजनीति भी गरमा गई है। जहां एक तरफ शिक्षकों के विरोध को देखते हुए डीजी स्कूल ने ऑनलाइन अटेंडेंस लगाने के लिए निर्धारित समय से 30 मिनट और बढ़ा दिया है। यानी अब टीचर्स 8 बजकर 30 मिनट तक हाजिरी लगा सकते हैं तो सपा राज्यसभा सांसद प्रो. रामगोपाल यादव ने इस आदेश को वापस लिए जाने की मांग की है।
सपा सांसद प्रो. राम गोपाल यादव ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि “उत्तर प्रदेश सरकार अध्यापकों की उपस्थिति ऑनलाइन दर्ज कराने को आमादा है। जबकि सरकार अध्यापकों की वर्ष में 30 EL and half CL देने की मांग मान नहीं रही है। अध्यापकों की स्थिति इतनी दयनीय है कि अपनी शादी के लिए भी टीचर को मेडिकल लीव लेनी पड़ती है। अध्यापकों की कमी के कारण किसी किसी विद्यालय में एक ही टीचर को दर्जा एक से लेकर पांचवीं तक सारे दिन पढ़ाना पड़ता है। मुख्यमंत्री जी से अनुरोध है कि ऑनलाइन अटेंडेंस के आदेश को वापस लेकर पहले टीचर्स की समस्याओं का निराकरण करने का कष्ट करें।
उत्तर प्रदेश सरकार अध्यापकों की उपस्थिति ऑनलाइन दर्ज कराने को आमादा है। जबकि सरकार अध्यापकों की वर्ष में 30 EL and half CL देने की माँग मान नहीं रही है।अध्यापकों की स्थिति इतनी दयनीय है कि अपनी शादी के लिए भी टीचर को मेडिकल लीव लेनी पड़ती है।अध्यापकों की कमी के कारण किसीकिसी…
— Prof. Ram Gopal Yadav (@proframgopalya1) July 9, 2024
इसके अलावा इस मामले को लेकर एमएलसी आशुतोष सिन्हा ने सीएम योगी को पत्र लिख दिया है, जिसमें उन्होंने कहा कि
ऑनलाइन उपस्थिति अनुपयोगी है। केवल उच्च अधिकारियों के जरिए कमीशनखोरी के लिए यह व्यवस्था लागू की जा रही है। साथ ही उन्होंने कहा कि जितने रुपये में यह सॉफ्टवेयर खरीदे गए हैं, उतने में विद्यालय में फर्नीचर, लैब, कम्प्यूटर और लैपटॉप की अच्छी व्यवस्था की जा सकती थी। हालांकि सरेआम घूसखोरी की वजह से ये संभव नहीं हो पा रहा है।