ब्रज की होली किसे नहीं पंसद! होली एक ऐसा त्योहार है, जिसमें लोग अपने सारे दुखों को भुलकर रंगो का मजा लेते हैं। ब्रज में होली पूरे 40 दिनों तक खेली जाती है। ब्रजवासी कई परंपराओं को निभाते हैं। पर क्या आप जानते है ब्रज में एक ऐसा गांव है जहां, मरने के बाद परिवार के सदस्यों को ढोल-नगाड़े बजाकर उनका शोक जताते हैं।
सालों से निभा रहे परंपरा
इस परंपरा को मथुरा के जबरा गाँव के लोग सालों से निभा रहे हैं। होली के दिन गाँव में किसी के भी घरों में किसी भी व्यक्ति की मृत्यु किसी भी कारण से होती है तो उनके लिए शोक जताने के लिए गांव के लोग एक अनोखा तरीका अपनाते हैं।
ढोल-नगाड़ा बजा कर बांटते हैं दुख
परंपरा के बारे में जानकारी देते हुए गाँव के एक निवासी ने मीडिया को बताया कि ब्रज में हजारों सालों से ये परंपराएं निभाई जाती हैं। ऐसी ही एक अनोखी परंपरा जबरा गाँव में भी निभाई जा रही है। इस परंपरा को चौपाई बम्ब कहा जाता है। इस परंपरा के अनुसार, पूरे साल में गाँव में किसी भी परिवार के घर में अगर किसी की मृत्यु किसी भी कारण से हुई है, तो गांव वाले उसके घर के सामने होली के दिन मृतकों के परिवार के घरों के सामने ढोल-नगाड़ा बजा कर गीत गाकर उनके दुख में शामिल होते हैं।