Mulayam Singh Yadav Death Anniversary: समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव को उनकी पुण्यतिथि पर पुष्पांजलि अर्पित की। सपा नेता शिवपाल सिंह यादव सहित पार्टी के अन्य सदस्यों ने भी इटावा में पूर्व यूपी सीएम को श्रद्धांजलि दी।
इस अवसर पर अखिलेश ने कहा कि नेताजी इसी धरती से उठे और धरती पुत्र के रूप में जाने गए। उन्होंने राजनीति के कई उतार-चढ़ाव देखे हैं और हमेशा समाज और राजनीति को दिशा दी है। आज जब हम उन्हें याद करते हैं, तो हम समाजवादी मूल्यों के माध्यम से लोगों के जीवन में बदलाव लाने का संकल्प लेते हैं।
समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव का 10 अक्टूबर, 2022 को 82 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वे उत्तर प्रदेश विधानसभा के लिए 10 बार और लोकसभा के लिए सात बार चुने गए थे। उन्हें ‘नेताजी’ के नाम से जाना जाता था। मुलायम सिंह यादव को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मरणोपरांत पद्म विभूषण से सम्मानित किया और यह पुरस्कार उनके बेटे अखिलेश यादव ने ग्रहण किया।
रतन टाटा के निधन पर अखिलेश दुख व्यक्त किया
इसके अलावा उद्योगपति रतन टाटा के निधन का जिक्र करते हुए, जिनका बुधवार को मुंबई में निधन हो गया, सपा प्रमुख ने कहा कि रतन टाटा की सोच और दृष्टि ऐसी थी- व्यापार करते समय मूल्यों से कोई समझौता नहीं।
अखिलेश ने कहा कि जब हम आज नेताजी (मुलायम सिंह यादव) को याद कर रहे हैं, तो हमें एक और दुखद समाचार मिला है कि उद्योगपति रतन टाटा हमारे बीच नहीं रहे। एक उद्योगपति और वह समूह जिसने इस देश की अर्थव्यवस्था में बहुत योगदान दिया है – स्वतंत्रता-पूर्व और स्वतंत्रता के बाद के युगों में। रतन टाटा की सोच और दृष्टि ऐसी थी व्यापार करते समय मूल्यों से कोई समझौता नहीं। उन्होंने लोगों के कल्याण के लिए काम करने का एक उदाहरण दिया।
मशहूर उद्योगपति रतन टाटा का निधन
मशहूर उद्योगपति रतन टाटा का 86 साल की उम्र में निधन हो गया है। लंबे समय से वह बीमार थे। मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। रतन टाटा की निधन की जानकारी टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखर ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करके दी है।
टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखर ने कहा, “हम अत्यंत क्षति की भावना के साथ श्री रतन नवल टाटा को अंतिम विदाई दे रहे हैं। वे एक असाधारण नेता थे। उनके अतुलनीय योगदान ने न केवल टाटा समूह को आकार दिया है, बल्कि हमारे राष्ट्र का मूल ताना-बाना भी बुना है। टाटा समूह के लिए, श्री टाटा एक चेयरपर्सन से कहीं अधिक थे। मेरे लिए वह एक गुरु थे, मार्गदर्शक और मित्र भी थे।”