उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने के लिए योगी सरकार ने महाकुंभ-2025 के आयोजन को लेकर तमाम प्रकार की तैयारिया शुरू कर दी हैं। महाकुंभ 2025 में दुनिया के 75 देशों से करोड़ों भक्तों के आने का अनुमान है और 5 शाही स्नानों के अतिरिक्त महाकुंभ में हर घंटे लाखों भक्त पवित्र डुबकी लगाएंगे। ऐसे में उन्हें स्थानीय खानपान, स्वादिष्ट मिठाइयों और कई प्रकार की व्यंजन शैलियों का स्वाद मिल सके इसको लेकर योगी सरकार भव्य फूड कोर्ट की स्थापना मेला क्षेत्र में करने जा रही है।
जी हां महाकुंभ में आने वाले सभी श्रद्धालुओं को गुणवत्तापूर्ण भोजन सेवाएं प्रदान करने के मंशा से उत्तर प्रदेश स्टेट टूरिज्म डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (यूपीएसटीडीसी) प्रयागराज में महाकुंभ 2025 के लिए एक भव्य फूड कोर्ट को विकसित करने जा रही है। खास बात यह है कि इन फूड स्टॉल्स में श्रद्धालुओं को स्थानीय खानपान और स्वादिष्ट मिठाइयों के साथ ही विभिन्न प्रकार की व्यंजन शैली के पकवान भी परोसे जाएंगे।
यहां लगेगा फूड कोर्ट
यूपीएसटीडीसी ने फूड कोर्ट की स्थापना और संचालन के लिए मेला क्षेत्र के परेड ग्राउंड क्षेत्र में सिविल लाइंस कैथेड्रल चर्च के पास लगभग 25,000 वर्ग फीट का भूखंड चिह्नित किया है। यह मेला क्षेत्र के सेक्टर-1 में गंगा पंडाल और टूरिज्म टेंट कॉलोनी के पास परेड ग्राउंड रोड के किनारे स्थित होगा। यहां 15 गुणा 15 वर्ग फीट के कुल 25 फूड स्टॉल्स की स्थापना और संचालन किया जाएगा। इस फूड कोर्ट के विकास और विभिन्न प्रकार के फूड स्टॉल्स की स्थापना और संचालन के लिए एजेंसी का निर्धारण किया जाएगा, जिसकी नियुक्ति के लिए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) माध्यम से आवेदन मांगे गए हैं।
5 शाही स्नानों में जुटेगी करोड़ों की भीड़
महाकुंभ-2025 में 75 देशों के करोड़ों भक्तों के आने का अनुमान है। 3 महीने चलने वाले इस महामेले में कुल 5 शाही स्नान होंगे। मेले के अंतर्गत पहला स्नान पौष पूर्णिमा के रूप में 13 जनवरी 2025 को होगा। इसके बाद 14 जनवरी को पहले शाही स्नान होगा। इसके बाद 29 जनवरी को मौनी अमावस्या, 3 फरवरी को बसंत पंचमी, 12 फरवरी को माघी पूर्णिमा और 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के अवसर पर शाही स्नान होंगे। आंकलन है कि स्नान अवधि के दौरान 2 लाख लोग प्रति घंटे संगम क्षेत्र में पवित्र डुबकी लगाएंगे।
विभिन्न व्यंजनों का लुत्फ उठा सकेंगे श्रद्धालु
फूड कोर्ट में देश भर के विभिन्न व्यंजन शैलियों का संगम देखने को मिलेगा। यहां स्थानीय पारंपरिक सात्विक भोजन को तरजीह दी जाएगी। इसमें बाटी-चोखा, अवधी थाली, बनारसी थाली, विभिन्न प्रकार की खिचड़ी, मारवाड़ी, गुजराती और जैन थाली और व्यंजन मिल सकेंगे। इसके अतिरिक्त, देश भर के मिष्ठानों (जिनमें बंगाली मिष्ठान मुख्य हैं) तथा स्थानीय प्रसिद्ध मिठाइयों का भी श्रद्धालु लुत्फ उठा सकेंगे। नेशनल ब्रांड्स के फूड आउटलेट्स भी यहां संचालित किए जाएंगे। इन सभी फूड स्टॉल्स को जर्मन हैंगर के बेस पर स्थापित किया जाएगा।