Azam Khan: समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान को बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने रामपुर के डूंगरपुर मामले में आजम खान सहित सभी 6 आरोपियों को बरी कर दिया है। रामपुर के एमपी-एमएलए कोर्ट ने जबरन घर खाली कराए जाने और मकान तोड़ने के मामले में बुधवार को फैसला सुनाया है। हालांकि, आजम खान अन्य मामलों को लेकर फिलहाल जेल में ही रहेंगे।
जानें पूरा मामला
दरअसल, साल 2016 में उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार थी। उस वक्त आजम खान यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री थे। फिर साल 2017 में प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार आई। इसके बाद साल 2019 में सपा नेता आजम खान के खिलाफ डूंगरपुर बस्ती में रहने वाले लोगों ने बस्ती को खाली कराने के नाम पर लूटपाट, चोरी और मारपीट के साथ ही अन्य धाराओं में गंज थाने में 12 मुकदमे दर्ज कराए थे।
शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि यह मामला 2019 में दर्ज हुआ था। जबकि, घटना 2016 की थी। आरोप था कि उनके घर में घुसकर मारपीट की गई और साथ ही मकान में तोड़फोड़ भी की गई। घर को जबरन खाली करवाया गया, बुलडोजर से घर तोड़ दिया गया। इसी से जुड़े एक मामले में कोर्ट ने इसी साल आजम खान को 10 साल की सजा सुनाई थी।
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इसके अलावा पिछले साल फेक बर्थ सर्टिफिकेट मामले में सपा नेता आजम खान, उनकी पत्नी तंजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम को दोषी करार देते हुए 7-7 साल की सजा सुनाई गई थी। फेक बर्थ सर्टिफिकेट का यह केस साल 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव से जुड़ा है। तब अब्दुल्ला आजम ने रामपुर की स्वार विधानसभा सीट से सपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था और जीता भी था।