किसी ने क्या खूब कहा है कि किस्मत बदलते समय नहीं लगता है… ये कहावत आज सुल्तानपुर निवासी रामचेत मोची पर एक दम सटीक बैठती है। जी हां कभी गुमनामी का जीवन जीने वाले रामचेत मोची को आज हर कोई जानता है। उनकी मदद के लिए लगातार लोग आगे आ रहे हैं, लेकिन उनका कहना है कि अभी भी उन्हें सरकारी योजनाओ का लाभ नही मिल रहा। इसके चलते आज, 7 अगस्त को बड़ी संख्या में कांग्रेसी रामचेत को लेकर डीएम ऑफिस पहुंचे। ऐसे में डीएम ने डीडीओ को मामले में जांच के आदेश दिए हैं।
कांग्रेस जिलाध्यक्ष अभिषेक सिंह राणा के नेतृत्व में तमाम कांग्रेसी कार्यकर्ता बुधवार को रामचेत संग डीएम कृतिका ज्योत्सना के जनता दरबार पहुंचे। इस दौरान रामचेत मोची ने डीएम को बताया कि सरकार की किसी भी योजना का लाभ उसे या उसके परिवार को अब तक नहीं मिला है। इस पर जिलाधिकारी ने रामचेत को भरोसा दिलाते हुए कहा कि एक हफ्ते में जांच कराकर जल्द से जल्द उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाया जाएगा।
लखनऊ जाते समय अचानक राहुल गांधी का काफिला सुल्तानपुर के गुप्तागंज के विधायक नगर के रामचेत नाम के एक मोची की दुकान पर रुका। राहुल गांधी गाड़ी से निकल कर रामचेत की दुकान पर जाकर बैठे और रामचेत से बाते करने लगे। बातचीत के दौरान राहुल गांधी ने वहां जूते चप्पलों की सिलाई भी की। साथ ही रामचेत से उनकी परेशानियों के बारे में भी जाना।
चप्पल को लेने के लिए मिल रही मुंह मांगी कीमत
राहुल गांधी ने रामचेत की दुकान पर जो चप्पल सिली थी, अब उस चप्पल को लेने के लिए रामचेत को मुंह मांगी कीमत दी जा रही है, लेकिन रामचेत चप्पल बेचने को तैयार नहीं हैं। रामचेत से बात करने पर उन्होंने बताया कि चप्पल लेने के लिए कई लोग फोन कर रहे हैं। इस चप्पल को लेने के लिए 1 लाख रुपये तक के ऑफर आ चुके हैं। एक व्यक्ति कॉल करके बोलता है कि तुम मुझे चप्पल दे दो, मैं तुम्हें बैग भर के पैसा दूंगा। 29 जुलाई को एक व्यक्ति दुकान पर आया और बातें की। इसके बाद राहुल गांधी के सिले जूते के बजाए 10 हजार रुपये देने की बात की, जिसे मैंने मना कर दिया।