Sultanpur Robbery: उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले में एक ज्वेलरी शॉप में दिनदहाड़े 1.5 करोड़ रुपये की लूट में शामिल एक और बदमाश की गुरुवार को पुलिस के साथ मुठभेड़ हो गई, जिसमें बदमाश घायल हो गया।
जानकारी के मुताबिक, सुल्तानपुर स्थित ठठेरी बाजार में ज्वेलरी शॉप में लूट की वारदात को अंजाम देने वाला एक लाख का इनामी अजय यादव पुलिस मुठभेड़ में घायल हुआ है। उसके पैर में गोली लगी है।
फिलहाल उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इससे पहले लूटकांड में शामिल एक अन्य आरोपी मंगेश यादव को एनकाउंटर में मार गिराया गया था।
अब तक पांच बदमाश गिरफ्तार
सुल्तानपुर में ज्वैलरी शॉप में हुई डकैती के मामले में पुलिस ने अब तक पांच बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया है। सभी बदमाशों पर एक-एक लाख का इनाम था। गिरफ्तार आरोपियों में दुर्गेश सिंह, अरविंद यादव, अजय यादव, विवेक सिंह और विनय शुक्ला शामिल हैं।
पुलिस मुठभेड़ में मारा गया
ज्वेलरी शॉप में दिनदहाड़े 1.5 करोड़ रुपये की लूट में शामिल अपराधी मंगेश यादव पुलिस मुठभेड़ में मारा गया। सुल्तानपुर से लगभग 10 किमी दूर मिश्रीपुर मुरैना मोड़ पर तड़के करीब 3.25 बजे मुठभेड़ में डीएसपी डीके शाही और डीएसपी विमल सिंह के नेतृत्व में एसटीएफ टीम की जवाबी फायरिंग में 28 वर्षीय मंगेश यादव मारा गया।
डकैती के मामले में नामित नौ अन्य लोगों के साथ उस पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था। मंगेश यादव जौनपुर का रहने वाला था और उसके खिलाफ 2021 से 2024 के बीच जौनपुर, प्रतापगढ़ और सुल्तानपुर में लूट, डकैती और चोरी के सात मामले दर्ज थे।
डकैती को अंजाम देने में कई लोग थे शामिल
मंगेश यादव अमेठी के कुख्यात अपराधी विनय सिंह द्वारा संचालित गिरोह का सक्रिय सदस्य था। सिंह ने यादव और 12 अन्य लोगों की मदद से सुल्तानपुर डकैती की योजना बनाई और उसे अंजाम दिया। डकैती को अंजाम देने वाले 14 लोगों के गिरोह में अमेठी के नौ, जौनपुर के दो और प्रतापगढ़, आजमगढ़ और रायबरेली के एक-एक सदस्य शामिल थे।
विनय सिंह ने डकैती के दो दिन बाद रायबरेली की एक अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया। उसका लंबा आपराधिक इतिहास रहा है, जिसमें पिछले 17 सालों में अमेठी, रायबरेली, फतेहपुर, बाराबंकी और लखनऊ समेत पांच जिलों में जघन्य अपराधों के करीब 34 मामले दर्ज हैं।
विनय सिंह के खिलाफ सूरत (गुजरात) में बैंक डकैती का मामला भी शामिल है। उसको सूरत पुलिस ने करीब एक साल पहले अगस्त 2023 में सूरत के वाजगांव में एक बैंक डकैती के आरोप में गिरफ्तार किया था और दो महीने पहले ही उसे जमानत पर रिहा किया गया था।
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जमानत मिलने के बाद उसने 14 लोगों के गिरोह का दोबारा गठन किया, जिसमें तीन लोग पहली बार शामिल हुए और सुल्तानपुर में डकैती की घटना को अंजाम दिया।
मुख्य आरोपी ने कोर्ट में किया सरेंडर
डकैती के बाद गिरोह रायबरेली चला गया, जबकि विनय सिंह ने डकैती के दो दिन बाद 31 अगस्त को रायबरेली की एक अदालत के सामने आत्मसमर्पण कर दिया, क्योंकि उसके खिलाफ लंबित एक अन्य आपराधिक मामले में उसकी जमानत रद्द कर दी गई थी। सिंह ने अपनी योजना अपने साथियों को नहीं बताई और डकैती को अंजाम देने के बाद उन्हें छोड़कर भाग गया।
पुलिस ने कथित तौर पर बदमाशों के कब्जे से 4.95 किलोग्राम चांदी, दो आग्नेयास्त्र, गोला-बारूद और एक मोटरसाइकिल भी जब्त की।