Jalaun News: उत्तर प्रदेश के जालौन में पुलिस कस्टडी में एक युवक की मौत के बाद पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है। मृतक के परिजनों ने पुलिस पर युवक की हत्या का आरोप लगाया है। वहीं, पुलिस का कहना है कि युवक की मौत हार्ट अटैक के कारण हुई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उसके शरीर पर चोट के निशान नहीं मिले हैं, जबकि मृतक की पत्नी और बहन ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने युवक को पहले थर्ड डिग्री टॉर्चर किया, खूब मारा पीटा और बाद में अस्पताल छोड़कर भाग गए।
क्या है पूरा मामला?
जानकारी के मुताबिक, 3 दिन पहले उरई के इंदिरा नगर के निवासी संतोष का शव डकोर के ग्राम मोहना में बेतवा नदी किनारे मिला था, जिसकी सिर पर पत्थर मारकर निर्मम हत्या कर दी गई थी। इसके बाद मृतक की पत्नी ने पांच लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था, जिसमें राजकुमार का नाम भी शामिल था। वहीं, मृतक की पत्नी की तहरीर पर डकोर पुलिस राजकुमार परिहार को गिरफ्तार करने के लिए पहुंची थी।
पुलिस का कहना है कि जब राजकुमार को गिरफ्तार कर गाड़ी से ले जाया जा रहा था, तो इस दौरान उसकी हालत बिगड़ गई थी और वह बेहोश हो गया था। इसके बाद तत्काल इलाज के लिए उसे जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था। वहीं, मामले की जांच करने के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था।
मजिस्ट्रेट की निगरानी में हुआ पोस्टमार्टम
इस मामले में परिजनों ने पुलिस पर मारपीट का आरोप लगाया था। इसी के चलते तीन डॉक्टरों के पैनल और मजिस्ट्रेट की निगरानी में राजकुमार का पोस्टमार्टम कराया गया और इसकी वीडियोग्राफी भी कराई गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण हार्ट अटैक बताया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में शरीर पर किसी प्रकार के चोट के निशान नहीं आए हैं, लेकिन फिर भी पुलिस ने बिसरा रिपोर्ट और हार्ट को सुरक्षित रखते हुए उसे परीक्षण के लिए भेज दिया है, ताकि मौत का कारण और ज्यादा साफ स्पष्ट हो सके।
इस तारीख को होगा CUET-UG री एग्जाम, NTA ने जारी किया नोटिफिकेशन
इस मामले में प्रियंका गांधी ने उठाए सवाल
इस मामले में कांग्रेस पार्टी (Congress Party) की महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने सवाल उठाया है कि पुलिस का काम आम जनता की सुरक्षा करना है। क्रूरता, जुल्म और हत्या का पर्याय बनना नहीं है। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, “खबरों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के जालौन जिले में एक व्यक्ति की पुलिस हिरासत में मृत्यु हो गई। परिजनों का आरोप है कि उनकी मृत्यु पुलिस की पिटाई से हुई है। पुलिस का काम आम जनता की सुरक्षा करना है। क्रूरता, जुल्म और हत्या का पर्याय बनना नहीं है। उत्तर प्रदेश में हिरासत में मौतों के मामले बहुत बढ़ गए हैं। यह जनता के लिए बहुत घातक है। प्रदेश सरकार को इस क्रूरतंत्र पर लगाम लगाकर कानून व्यवस्था बहाल करनी चाहिए।”